यदि मैं नेता होता तो निबंध इन हिंदी
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यदि मैं नेता होता, तो नेता होने का अर्थ बदलने की कोशिश करता। हमारे देश में नेता लोगों की छवि अच्छी नहीं है। नेता शब्द सुनते ही दिमाग में एक भ्रष्ट व्यक्ति की तस्वीर उभरने लगती है। इसका कारण यह रहा है कि नेता लोगों ने अपनी छवि वैसे ही बना रखी है। आज राजनीति अपने स्वार्थों की पूर्ति का अखाड़ा बनकर रह गया है।
यदि मैं नेता होता तो नेताओं की इस छवि को बदलने का प्रयत्न करता। मैं नेता होता तो सिर्फ नेतागिरी न करके समाज सेवा से इसे जोड़ने का प्रयत्न करता। मेरा प्रथम लक्ष्य अपने देश के हित के लिए कार्य करना होता। मैं नेता होता तो सबसे पहले नेताओं के लिए एक आचार संहिता अनिवार्य करने का नियम बना था। जैसे हर पद में हर क्षेत्र में व्यक्ति के लिए एक आचार संहिता है, मैं नेताओं के लिए भी वैसा ही करता।
यदि मैं नेता होता तो राजनीति में अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह अंकुश लगाता ताकि राजनीति में स्वच्छ छवि के ईमानदार लोग आएं और नेता लोगों की छवि में सुधार हो। मैं नेता होता तो मैं वह सभी कार्य करने का ईमानदारी से प्रयत्न करता जिसका वायदे मैंने जनता से किया था।
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