'यदी में पंछि होता' विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
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Explanation:
यदि मैं पक्षी होता या मुझे पंख आ जाते यह कल्पना हम सभी ने कभी ना कभी की है। दोस्तों आज Hindi Essay इस कल्पना पर आपके लिए मैं पक्षी होता तो यह हिंदी निबंध लेकर आया है। दोस्तों चले निबंध को शुरू करते है।
This image is of bird and is been used for hindi essay on what if I became bird
यदि मैं पक्षी होता तो!।
कल हम पाठशाला की लंबी यात्रा करके आए थे इस यात्रा के कारण मैं काफी थक गया था और इसी वजह से मुझे काफी नींद आ रही थी। जैसे ही मैं सोने गया मेरे मन में एक कल्पना आई यदि मैं पक्षी होता तो!।
यह पंछी बनने की कल्पना आते ही मेरे मन में काफी सारे विचार आने लगे और मैंने सोचा यदि मैं पंछी होता तो कितना अच्छा होता और में कितनी मौज करूंगा।
और थोड़ी देर में मैं देखता हूं कि मुझे दो बड़े सुंदर पंख आ गए थे। मेरे यह दो पंख मोर पंख जैसे सुंदर और आकर्षित दिखाई दे रहे थे। और जैसे ही मैंने अपने दो पंख फैलाए मुझे ऐसा लगा कि मैं एक पंछी बन चुका हूं और अब आसमान में उडूंगा।
मैंने अपने पंख हिलाना शुरू किया और एक लंबी छलांग लगाई मुझे उडने में काफी मज़ा आया। अभी मेरे मन में एक ही विचार आ रहा था अभी मैं कहां जाऊं और क्या करूं।
मैं जब भी बादलों को देखता था तभी मुझे लगता था कैसे होंगे यह बादल, आसमान में उड़ कर बादलों में घूमने में कितना आनंद होगा पर तभी मुझे बादलों पर जाना संभव नहीं था पर अब मुझे पंख आ गए, अभी मैं एक पक्षी बन चुका हूं अब मैं जब चाहू तब बादलों में सैर कर सकता हूं।
अभी मेरे मन में विचार आया बारिश में इंद्रधनुष निकलता है वह कितना सुंदर दिखाई देता है, अब तो मैं उड़कर जाऊंगा और इस इंद्रधनुष पर बैठकर मोज करूंगा। कितना मजा आएगा, वहा!।
एक पक्षी होने के कितने फायदे है, अगर हमें कभी घर से बाहर जाना हो तो घरवालों को बोलकर जाना पड़ता है और बाहर निकले तो फिर काफी सारी भीड़ में यात्रा करनी पड़ती है। पर अब ऐसा नहीं होगा अब में एक पक्षी बन चुका हूं अब मैं जहा चाहूंगा वहा और जब चाहूंगा तब कहीं भी उड़कर जा सकता हूं।
अगर कभी भूख लगती है तो घर में कुछ बनाने के लिए कितना वक्त लगता है और कितनी मेहनत करनी पड़ती है, पर पक्षी होने के बाद मुझे सिर्फ उड़कर किसी भी पेड़ पर जाकर बैठ कर फल खाने है, अगर आराम करना हो तो आराम से किसी भी पेड़ पर सो सकते है।
पक्षी बन कर में काफी मोज करूंगा उड़कर सात समुंदर पार घूमकर आऊंगा तभी मेरे मन में विचार आया यदि में पक्षी बन गया तो क्या केवल आनंद ही आयेगा क्या ?।
तभी मेरे मन में भयानक कल्पना आई। मैं पंछी तो बन जाऊंगा लेकिन आज मानव निसर्ग नष्ट कर रहा है, बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे है, और प्रधुष्ण फेला रहा हे। ऐसे में पक्षी कहां जाएंगे और क्या खाएंगे। पक्षी तो भुक से ही मर जाएंगे।
मैं सोच ही रहा था कि तभी सारी धरती हिलने लगी और आवाज आई "अरे आलसी उठ जा कितने देर तक सोएगा"। जैसे ही मैं उठा मैंने देखा कि मेरे पंख गायब हो चुके थे फिर क्या मैंने पक्षी बनने की कल्पना छोड़ दी।
Explanation:
अगर मैं पंछी होता
अगर मैं पंछी होता तो मैं दूर अनंत गगन में स्वच्छंद होकर विचरण करता में धरती के इस छोड़ से धरती के दूसरे छोर को अपने पंखों से नाप लेता मैं इस दुनिया को अपनी नजरों में कैद कर लेना की कामना रखता l
अगर मैं पंछी होता तो आसमान की ऊंचाइयों को छूने की कोशिश करता जहां तक पहुंचने का सपना इंसान लोग केवल देखते रह जाते हैं lमैं खुली हवा में अपने पंखों को पर आकर ठंडी हवा का आनंद लेता अपने साथी पक्षियों के साथ झुंड बनाकर इधर से उधर विचरण करता पलभर में ही जहां जाना चाहता वहां जाता l
अगर मैं पंछी होता तो मैं कभी किसी पहाड़ की चोटी पर उन्मुक्त होकर पहुंच जाता तो कभी किसी पेड़ की डाली पर मस्त होकर जुलता यदि मेरे मेरा मन होता तो समुद्र की सीमा को अपने पंखों से नापने की कोशिश करता तो कभी पर्वत की ऊंचाइयों को अपने पंखों से नापने की कोशिश करता l
अगर मैं पक्षी होता तो मैं पेड़ पर बैठकर अपनी आवाज में सुंदर से गीत गाता मदमस्त होकर सारे ऋतुओ का आनंद लेता। मेरे अंदर इंसानों की तरह जल -कपट होता ना चिंता लालच मोह नहीं होता मुझे तो बस इतना जब से व्याप्त आनंद को डूब जाने की कामना होती l