यदि मैं पेड़ होता निबंध
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please can u try to ask question in English?
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हम सभी चाहते है कि हर दिल अच्छी तरह से धड़कता रहे | यह दिल चाहे मनुष्य का हो, पशु पक्षी अथवा अन्य किसी जीव का हो | परन्तु हर दिल को धड़कने के लिए आक्सीजन की भी ज़रूरत है | आक्सीजन के बिना हम जीवित नही रह सकते हैं | आक्सीजन फेफड़ों को मजबूती प्रदान करती है | सांस लेने की प्रक्रिया में आक्सीजन फेफड़ों में पहुँचकर एक वाल्व के द्वारा ह्रदय में पहुँचती है | हृदय में एकत्र खून में यह आक्सीजन मिल जाती है, और हृदय जो एक पंप की तरह से काम करता है उस रक्त को संपूर्ण शरीर में भेजने के लिए पंप कर देता है | यह रक्त घूम फिरकर पुनः हृदय में पहुँचता है | और फिर वही प्रक्रिया रक्त में आक्सीजन को मिलाना तथा पंप करना होती है | यह प्रक्रिया अनवरत रूप से प्रतिपल चलती रहती है | रक्त में मिला हुआ यह आक्सीजन हमारी मांसपेशियों, त्वचा, अंग प्रत्यंग एवं मस्तिष्क को तरोताज़ा करने में संजीवनी की तरह से काम करता है | (कृपया वह पाठकगण जो धूम्रपान करते है समझने की कोशिश करे कि कहीं वह सीधे म्रत्यु को निमंत्रण तो नही दे रहे है ? इसके साथ साथ सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान कर अनैच्छिक व्यक्तियों की साँसों को अवरूध कर कहीं माइनस पॉइंट तो एकत्र नहीं कर रहे है ?) यही नहीं बल्कि शरीर के बाहर से भी आक्सीजन, त्वचा और आँखों को सुरक्षा प्रदान करती है | यह आक्सीजन सभी जीवों को अच्छी प्रकार व अनवरत रूप से मिलती रहे, इसके लिए विधाता ने हमें वृक्ष (TREES) दिए है | वृक्ष (TREES) फिल्टर के रूप में कार्य करते है | जीव के द्वारा बाहर छोडी गयी साँस दूषित वायु (कार्बन डाई आक्साइड ) को यह वृक्ष अपने में समाहित कर जीव के लिए आक्सीजन छोड़ते रहते है | यह वृक्ष का अप्रत्यक्ष त्याग ही है कि वह हमारी दूषित वायु को अपने में समाहित कर, हमारे जीने के लिए आक्सीजन देता है |
पीपल का एक वृक्ष सबसे अधिक आक्सीजन देता है | पुराणों में पीपल के वृक्ष को साक्षात श्री विष्णु का स्वरूप कहा गया है | जो मानते है वह आज भी पीपल के वृक्ष की पूजा करते है | एक वृक्ष प्रत्यक्ष रूप से खाने के लिए फल और सूख जाने (म्रत्यु) पर ईधन के रूप में (अन्य कार्य उपयोग हेतु ) स्वयं को , मनुष्य को सौंप देता है | यही नहीं एक वृक्ष पर अनेकों जीव-जंतुओं का चलना-फिरना ,फुदकना खेलना कूदना, विश्रामालय , घर बनाना , शरणस्थली भी होता है | इसके अतिरिक्त वृक्ष की जड़ें भूमि कटाव /भूमि को दरकने से भी रोकती है | एक वृक्ष की काफ़ी लंबी आयु होती है | यह मनुष्य की कई पीडियों को देख लेता है | विचार करें कि एक वृक्ष लगभग सभी योनियों के जीवों के लिए त्याग कर प्लस पॉइंट एकत्र करता है | माइनस पॉइंट से उसे कोई मतलब नहीं है | जब एक वृक्ष हमारे लिए समर्पण से इतना भरा हुआ है तब हम ऐसे क्यों नहीं है ?
हम अपने प्यारे बच्चों का जन्म दिन मनाते है | कॅक काटते है , खुशियाँ मानते है तो क्यों न साथ – साथ एक किसी वृक्ष का पौधा भी घर के नज़दीक इसी दिन लगाएँ | हम अपने घर की कोई भी खुशी में किसी फलदार वृक्ष का पौधा लगाकर स्वच्छ वायु /आक्सीजन उत्पादन में योगदान कर सकते है |
काश !मैं भी एक वृक्ष होता ……..मेरी शाखाओं पर पक्षियों का बैठना – फुदकना , मेरे पत्तों में छिपकर उनका आपस में चोंच लड़ाना , उनकी चह -चहाहट को सुनना , उनका घर बनाना , गिलहरी का पूछ उठाकर दौड़ना, मेरी छाया में थके मनुष्य , बड़े जीव जंतुओं का आकर बैठना उनको सुकून मिलना, सबको सुकून में और खुश देख कर मेरी