यदि मैंपक्षी होता
please निबंध
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Sorry dude I don't know the answer for this question
यदि मैं पक्षी होता
सभी सुन्दर और प्यारे पक्षियों को देखकर सभी को ऐसा लगता है की काश मैं एक पक्षी होता और मेरी कोई सीमाएं ना होती। मैं चाहता हूँ कि पक्षी बनकर आसमान में मौजूद बादलो को छू सकूँ।
यदि मैं एक पंछी होता तो मैं गगन में उड़कर बादलो के बीच खेलता, ठंडी हवा का मज़ा लेता। हमे आये दिन यातायात के साधनो का उपयोग करना पड़ता है, यदि मैं पक्षी होता तो एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुँच जाता।
यदि मैं पक्षी होता तो स्वतंत्र रूप से यहां से वहाँ उड़ता और झूम उठता। एक डाल से दूसरे डाल और एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक उड़कर पहुँच जाता। जैसा कि हम सब जानते है मनुष्य को चलकर जाने में बड़ा समय लगता है। यदि मैं पक्षी होता तो कुछ ही पलो में उड़कर चला जाता। मैं कहीं भी बैठता और प्रकृति की खूबसूरती का आनंद उठाता। मैं बगीचों में वृक्षों, पौधों और फूलों के बीच खेलता।
आसमान के ऊपर उड़ने की चेष्टा करता
यदि मैं पक्षी होता तो मैं आकाश के ऊपर उड़ने की कोशिश करता, जहां वायुयान उड़ते हैं। मैं पायलट की ओर इशारा करते हुए अपने पंखो को लहराता। यदि मैं एक पक्षी होता तो मैं बड़े आम, जामुन के पेड़ के ऊपर भी उड़ सकता। मैं अपने गाँव के पास की झील में गोता लगा सकता था और एक ठन्डे स्नान का लुफ्त उठाता।
एक पक्षी बनने का मेरा सपना तब विकसित हुआ, जब मैंने पक्षियों को अपनी अपनी भाषा में एक दूसरे से बात करते देखा। मैं उनकी भाषा नहीं समझ पा रहा था लेकिन उनके प्यार भरी आवाज़ों को समझ रहा था।प्रातःकाल में पक्षी की चहचहाट सभी के मन को प्रसन्न करती है। यदि मैं पक्षी होता तो पहाड़ो की चोटी पर बैठता और मधुर आवाज़ में गुनगुनाता। मेरी आवाज़ को सुनकर सब मेरी ओर खींचे चले आते। मैं अपनी मन मोहक धुनों से सभी को भाव विभोर कर देता।
पक्षियों की सुंदरता का गवाह हर कोई है। यही कारण है कि उसे शास्त्रों में विभिन्न स्थानों पर सुंदरता का वर्णन करने के लिए उपमा दी जाती है। कोयल, मोर, चकोर इत्यादि कई पक्षियों का उपयोग काव्य रचना में किया जाता है। यदि मैं पक्षी होता तो कहीं ना कहीं मेरी भी उपमा दी जाती और इससे मुझे ख़ुशी महसूस होती।
मेरा यह मानना है सबको अपनी आजादी पसंद है। यह देश भी लोकतान्त्रिक है। सबको स्वतंत्र रूप से रहने और अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। पक्षिओं के लिए भी ऐसा ही होना चाहिए।
पक्षियों को पिंजरे में बंद होना पसंद नहीं है। यदि मैं पक्षी होता तो पिंजरे में बंद होना कभी स्वीकार नहीं करता। सबको अपनी आज़ादी प्यारी है उसी तरह पक्षियों को भी अपनी आज़ादी प्यारी है। मनुष्यो को यह समझना चाहिए कि पक्षियों को साथ रखने के लिए उन्हें पिंजरे में बंद रखना ज़रूरी नहीं होता।
यदि मनुष्यो को कैद कर लिया जाए, तो उन्हें कैसा महसूस होगा। इसलिए पक्षियों को व्यापार का साधन बनाना गलत है। उनसे उनकी आज़ादी छीन लेने का हक़ किसी को भी नहीं है।