Hindi, asked by nishagulia2, 1 year ago

यदि मैं विद्यालय का प्रधानाचार्य होता- विषय पर अपने विचार लिखिए |​

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Answered by sanskritigupta05
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Answer:

विद्दालय में प्रधानाचार्य का पड़ अत्यन्त महत्त्वपूर्ण तथा उत्तरदायित्व पूर्ण होता है | वह विद्दालय का सर्वोच्च अधिकारी होता है | किसी भी विद्दालय की उन्नति और अवन्ती इसके प्रधानाचार्य की बहुत बड़ी भूमिका होती है | वह विद्दालय का केन्द्र होता है जिसके चारो और विद्दालय की समस्त गतिविधियाँ घुमती रहती है | उसके सभी कार्यकलापो का प्रभाव अप्रत्यक्ष रूप से विद्दार्थियो आध्योपको तथा अन्य कर्मचारियों पर पड़ता है | अत : विद्दालय के प्रधानाचार्य को आदर्श होना चाहिए |

यदि मै किसी विद्दालय का प्रधानाचार्य होता तो मै उस विद्दालय को आदर्श विद्दालय बनाने के लिए भरसक प्रयत्न करता | मै विद्दालय की उन्नति और विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्य करता | मै अपने विद्दालय में इस प्रकार की योजना बनाता , जिससे विद्दार्थी शैक्षिक , नैतिक, शारीरिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में पर्याप्त उन्नति कर सके | जहाँ तक विद्दार्थियो की शैक्षिक उन्नति का प्रश्न है, सर्वप्रथम तो मै कमजोर विद्दार्थियो की पढाई के लिए पृथक व्यवस्था करता जिससे उनकी पढाई का स्तर दुसरो की पढाई के स्तर के समान हो जाता | मै दिन में एक या दो बार प्रत्येक कक्षा का निरिक्षण करता जिससे अध्यापको के कार्य पर निगाह रखी जा सके | कक्षा के कमे , बरामदे तथा शौचालय आदि की सफाई पर विशेष बल देता |

समय –समय पर विद्दार्थियो की प्रगति की सुचना उनके अभिभावकों को भेजी जाती ताकि विद्दार्थियो में एक प्रकार से कार्य के प्रति भय बना रहता | मै विद्दार्थियो को नैतिक रूप से भी योग्य बनाने का प्रयास करता | महापुरुषो से सम्बन्धित भाषणों का आयोजन करवाता | प्रात: कालीन प्रार्थना सभा में नैतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करता, सभी विद्दार्थियो के लिए खेल अनिवार्य कर देता ताकि विद्दार्थियो में भाईचारे , अनुशासन तथा सामजिक जीवन की भावना उदित होती | इसके साथ उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी सुधरता और मस्तिष्क भी विकसित होता | किसी ने ठीक ही कहा है कि ‘स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर का होना आवश्यक है’

Answered by chahar00
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Please dost Samjh lena..........

agar me vidhyalya ka pradhanacharya hota to me sbse phle jakr apni mummy ko btata aur papa ko bhi. phir jakr school me msti krta kyuki mujhe koi rokta hi nhi. phir apne dosto ke saath khelta chupn-chupayi. aur shcool ke last do period tk pdayi krta aur shaam ko ghar jaata. mujhe bhut mje aate agar me pradhanacharya hota.

:-).........HOPE IT'S HELPS YOU.......:-)

°°°and please follow me°°°

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