यदा मजुषा सा उदघाटिवती तदा तरया महपिण हीरकापिा हटा सा षस़श्रा जाता
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कुशीनगर :महिला कांस्टेबल को अश्लील मैसेज भेज अपनी बात मनवाने के लिए दबाव बनाने वाले निलंबित इंस्पेक्टर करूणेश प्रताप सिंह के विरुद्ध एक सप्ताह बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। चर्चा है कि मामले को मैनेज करने के लिए इंस्पेक्टर महिला कांस्टेबल को मनाने में जुटे हैं। मामले में पुलिस अफसरों की चुप्पी भी सवाल खड़े कर रही है।
14 जून को पुलिस महकमे में सामने आया यह प्रकरण सुर्खियों में छाया रहा। महिला कांस्टेबल की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक सचिद्र पटेल ने आरोपित इंस्पेक्टर व रामकोला के थानेदार रहे करूणेश प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया था। महिला कांस्टेबल ने थानेदार पर बार-बार अश्लील मैसेज भेजने, अपनी बात मनवाने के लिए दबाव बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। सीओ तमकुहीराज फूलचंद कन्नौजिया की जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर 15 जून को थानेदार के विरुद्ध यह कार्रवाई हुई थी। बीते दिनों प्रकरण से जुड़ा एक फर्जी पत्र इंटरनेट मीडिया पर तेजी वायरल हुआ। जिसमें इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों को गलत बताया गया था। जबकि महिला कांस्टेबल ने इस तरह का कोई पत्र लिखने की बात से साफ इंकार किया था।