यदि पृथ्वी बोल सकती विषय पर अपने और पृथ्वी के बीच संवाद लिखें
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यदि पृथ्वी बोल सकती तो हमसे कहती कि बच्चों राजनेताओं के चक्कर आकर मेरी भूमि के टुकड़े टुकड़े करके ना देखो में एक ही हूँ।ना मैं अमेरिका हूँ ना पाकिस्तान ना ही रूस और चीन हूँ ना ही अफ्रीका यूरोप और भारत, मैं एक हूँ मेरे ऊपर कोई सीमा ना खींचो तुम सब आजाद हो मेरे पुरे शरीर पर अपने अनुसार कहीं भी घूम सकते हो,मेरे किसी हिस्से को पाने के लिए तुम एक दूसरे का खून न बहाओ जो मेरा है वो सभी का है और तुम सब मेरे बच्चे हो इसलिए मैं किसी को मरता और तुम को आपस में लड़ता हुआ नही देख सकती।मेरे अंदर भरे पड़े रत्न और संसाधन सब आपके ही है पंरन्तु इन सब का बराबरी से बँटबारा करो क्योकि में सबकी माँ हूँ सभी को बराबर प्यार करती हूँ किसी को भी भूखा या गरीब नही देख सकती हूँ। तुम सब मेरी ही संतान हो और मेरा दिया हुआ ही खाते पीते हो इसलिए तुम सब एक ही हो कोई अलग अलग नही कोई भेद नही कोई दुश्मन नही सब एक ही माँ की संतान हो इसलिए खुश पूर्वक रहो और अपने कर्तव्य पूर्ण करो लालच और तृष्णा को दूर रख कर।