Hindi, asked by anusiby8359, 10 months ago

यदि पांव पसारिए जेती लंबी विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए

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Answered by Anonymous
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औरंगाबाद। अपेक्षाओं के अनंत सागर में डुबकियां लगाता, हार-जीत का आनंद लेता मनुष्य आज विज्ञान की असीम संभावनाओं भरी रंगीन व मनोरंजक अनवेषनीय दुनियां में नित्य नवीन अपेक्षाओं की गुत्थियां सुलझा रहा है। जीवन की अपेक्षाओं पर खरा उतर महान ऊंचाई तक पहुचंने की अभिलाषा हर व्यक्ति में रहती है। कुछ लोगों में अपेक्षाएं केवल स्वप्नों की तरह रह जाती हैं क्योंकि उनके पास दूरदर्शितापूर्ण अच्छी रणनीति बनाकर अपेक्षाओं को वास्तविकता में परिवर्तित करने की विस्तृत करने की योजना बनाने हेतु न तो बौद्धिक क्षमता होती है और न ही उनमें योजना के कार्यान्वयन की बारीकियों का ज्ञान ही होता है। अपेक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कवि बृन्द कहते हैं - '' अपनी पहुंच विचारिकै, करतब करिए दौर, तेते पांव पसारिए, जेती लम्बी सौर।'' हर व्यक्ति को किसी व्यक्ति से अपेक्षा करने के पूर्व विचार कर लेना आवश्यक है कि वह उसकी शक्ति, सामथर््य, मेधा के अनुसार साध्य है या नहीं। यह भी जान लेना आवश्यक है कि उसके पास उसकी क्षमता के अनुसार दूरदर्शितापूर्ण योजना और उसके प्रयास की निरंतरता है या नहीं। मनुष्य जीवन नित्य नवीनता की खोज की अपेक्षा करता है। सुभद्रा कुमारी चौहान अपनी कविता में इस प्रकार जीवन से अपेक्षा करती हैं - ''सरिता के नीरब प्रवाह सा, बढ़ता हो अपना जीवन। हो उसकी प्रत्येक लहर में अपना एक निरालापन। रचे रूचिर रचनाएं जग में अमर प्राण भरने वाली। दिशि-दिशि को अपनी लाली से अनुरंजित करने वाली। '' मानव समाज ने सभ्यता के विकास के साथ ही नित्य नवीन संभावनाओं की तलाश की अपेक्षा की है और अपनी अग्नित उपलब्धियों से जन-जन के जीवन में नवीन अपेक्षाओं के अनंत रास्ते भी बुने हैं। कई बार हम अपेक्षा निर्धारण में इस बात का ख्याल नहीं रख पाते कि की गई अपेक्षा के लिए साध्य और तार्किक कारण मौजूद हैं भी या नहीं। इसका ख्याल नहीं रख पाने पर कई बार हमें निराशा हाथ लगती है या जीवन की खुशियां छिन जाती है। अत: अपनी अपेक्षाओं के आधार पर क्षमता, योग्यता, प्रतिबद्धता के मूल्याकन का विकल्प हमें खुला रखना चाहिए। हर विशेष अपेक्षा के लिए कौशल और प्रतिबद्धता आवश्यक पहलू हैं जिनका विचार किया जाना जरूरी है। कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं जिनमें प्रतिबद्धता और योग्यता दोनों का सम्पूर्ण विकास हुआ ही न हो तो हम उनसे किसी बढ़ी उपलब्धि या योगदान की अपेक्षा नहीं कर सकते। किसी व्यक्ति में प्रतिबद्धता अधिक हो सकती है लेकिन योग्यता का अल्प विकास ही हुआ हो सकता है। ऐसे लोग काम तो बहुत कर सकते हैं

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