यदि परीक्षा ना होती विषय पर 60 से 80 शब्दों में अपने विचार व्यक्त करते हुए एक अनुच्छेद लिखिए |
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Explanation:
परीक्षाएं विद्यार्थियों के जीवन का एक अहम हिस्सा है। बच्चे विद्यालय जाते है, वहाँ दैनिक हर विषय की पढ़ाई करनी पड़ती है। इसके साथ ही खेल कूद और फिर घर आकर कक्षा मे दिए गए गृहकार्य को पूरा करना पड़ता है।
समय समय पर आ जाती है परीक्षाएं। परीक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा यह जाना जाता है कि विद्यार्थियों को प्रत्येक विषय में कितना ज्ञान प्राप्त हुआ है। वे हर विषय में कितने सक्षम है। यदि परीक्षा ना होती तो विद्यालय, शिक्षा की महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता। परीक्षा होना ज़रूरी है, वरना विद्यालय और पढ़ाई को कोई अहमियत नहीं देता।
बहुत से विद्यार्थियों को समय समय पर इन आयोजित परीक्षाओ से चीड़ महसूस होती है। विद्यालय द्वारा परीक्षाओ के तारीखे घोषित किये जाते है। परीक्षा हर विद्यार्थी को देनी पड़ती है।यह अनिवार्य है। यदि परीक्षा ना होती तो बच्चे खेल कूद और दूसरे कार्यो में अधिक मन लगाते और पढ़ाई को महत्व ना देते।
यदि परीक्षाएं आयोजित ना होती तो बच्चे अपने आपका आकलन नहीं कर पाते और वह अपने आने वाले जीवन को संजीदगी से ना लेते। यदि परीक्षाएं ना होती तो शिक्षा की अहमियत कम हो जाती। जीवन के हर क्षेत्र में हम कुछ सीखते है और जिन्दगी के मुश्किल दौर में वह सीख काम आती है। यह मुश्किल दौर ही परीक्षा है, जिससे हम अपने आपको बेहतर बना सकते है।
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