यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यवहार कैसा होता?
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उत्तर :
यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने काम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब वह गवरइया के साथ बड़े प्यार से बात करते। वे बिना अनुरोध करवाएं उसका काम करते। काम करने की मजदूरी भी शायद न लेते। उस समय अपनी कुशलता का उचित मूल्य मिलने के कारण उनके मन का लालच लगभग खत्म हो चुका होता। अतः वे अब के समान आधा हिस्सा न लेते। वे गवरइया से शायद इससे भी कम दाम लेकर उसका काम इसी कुशलता एवं सजगता से कर देते।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने काम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब वह गवरइया के साथ बड़े प्यार से बात करते। वे बिना अनुरोध करवाएं उसका काम करते। काम करने की मजदूरी भी शायद न लेते। उस समय अपनी कुशलता का उचित मूल्य मिलने के कारण उनके मन का लालच लगभग खत्म हो चुका होता। अतः वे अब के समान आधा हिस्सा न लेते। वे गवरइया से शायद इससे भी कम दाम लेकर उसका काम इसी कुशलता एवं सजगता से कर देते।
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Explanation:
यदद राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने श्रम का उचचत मूल्य प्राप्त कर रहे
होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यवहार सामान्य होता और सवयप्रथम वे राजा
का काम करते क्योंकक उनका काम ज्यादा था ।
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