“यदि रोटी नही मिली तो लोग केक क्यों नही खाते”| यह कथन फ़्रांस की क्रांति में किसका है?
[A] रूसो का
[B] रोब्सपीयर का
[C] लुई सोलहवें का
[D] रानी मेरी आंतवानेत का
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यदि रोटी नही मिली तो लोग केक क्यों नही खाते”| यह कथन फ़्रांस की क्रांति में किसका है?
[A] रूसो का
[B] रोब्सपीयर का✔
[C] लुई सोलहवें का
[D] रानी मेरी आंतवानेत का
correct answer is B
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इसका सही जवाब होगा :
[D] रानी मेरी आंतवानेत का
व्याख्या :
- यदि रोटी नहीं मिली तो लोग केक क्यों नहीं खाते। यह कथन फ्रांस की क्रांति में उस समय रानी मेरी आंतवानेत ने दिया था।
- रानी मेरी आंतवानेत उस समय फ्रांस के शासक लुई सोलहवें की पत्नी थी।
- लुई सोलहवां एक अकर्मण्य और आयोग शासक था। उस के शासनकाल में फ्रांस में निरंकुशता का साम्राज्य था और जनता तत्र थी।
- इसी कारण फ्रांस में क्रांति का जन्म हुआ था।
- लुई सोलहवें पर अपनी पत्नी मेरी आंतवानेत का बेहद प्रभावशाल था।
- मेरी आंतवानेत बेहद फिजूलखर्च थी और उसे आम जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं था।
- एक बार जब फ्रांस की क्रांति के समय लोगों का जुलूस रोटी की मांग कर रहा था तो उसने लोगों को सलाह दी कि यदि रोटी उपलब्ध नहीं है तो लोग केक क्यों नहीं खाते?
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