Hindi, asked by khushigupta3587, 2 months ago

। 'यदि संसार के हित के लिए एक वृत्रासुर को मारना पड़े तो वह धर्म है, कर्तव्य है। ​

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Answered by krishsingh797880
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Answer:

भक्ति में कुछ भी गड़बड़ हो जाये तो भगवान संभाल लेते हैं पर यदि कर्मकांड में कुछ गड़बड़ हो जाये तो जिम्मेदारी हमारी ही होती है। यज्ञ से उत्पन्न हुए त्वष्टा के इस पुत्र ने सारे लोकों को अपने विशाल शरीर से घेर लिया था, इसलिये उसका नाम पड़ा “वृत्रासुर”।

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