Hindi, asked by amirullahshaikh959, 14 days ago

यदि शिक्षक न होते तो” इस विषय पर अपने स्वमत likiye

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Answered by laxmipatil5106
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ऊर्जांचल के विभिन्न विद्यालयों व संस्थानों में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती व श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सेंट फ्रांसिस स्कूल में कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य बैप्टिस डिसूजा, प्रबंधक लैंसी डिकूना, उप प्रधानाचार्य जोसिला, नीली सहित अध्यापक ओ पी राय व अध्यापिका लिजी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रकाश की एक किरण आशा व ज्ञान की ज्योति होती है तथा यदि शिक्षक न होते तो हम यहां न होते के माध्यम से प्राचार्य श्री डिसूजा ने जीवन में अध्यापक की भूमिका उल्लेखित की। कक्षा 11 की छात्रा कावेरी व प्रतिष्ठा राय ने कहा कि गुरु के बिना शिष्य अधूरा है। श्रेया ने शिक्षा जगत में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की भूमिका पर प्रकाश डाला। छात्र-छात्राओं द्वारा समूह नृत्य, समूह गान, लघु नाटक आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गयी। बड़ी देर भई नंदलाला गीत से छात्र-छात्राओं ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनायी। डा. अम्बेडकर विद्या मंदिर में प्राचार्य सुभाष मिश्र ने अतिथि परिचय कराया। छात्र-छात्राओं ने भगवान श्रीकृष्ण के भजन एवं डा. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय कवि कमलेश राजहंस ने कहा कि भारत से ही ज्ञान-विज्ञान एवं संस्कार की शिक्षा लेकर समग्र विश्व विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। मुख्य अतिथि जीआईसी अनपरा की प्राचार्य प्रतिभा गुप्ता ने कहा कि भारतीय दर्शन के आधार पर शिक्षा ग्रहण कर एवं गीता के ज्ञान को आत्मसात कर हम चरम लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रबंधक डा. विजय प्रताप ¨सह ने की। विशिष्ट अतिथि की भूमिका रीता श्रीवास्तव ने निभाई। कार्यक्रम का संचालन मनु श्रीवास्तव व गिरीश नारायण शुक्ला तथा संयोजन अशोक कुमार ¨सह ने किया।

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