Hindi, asked by alisha7, 1 year ago

यदि वरषा ना होती निबंध

Answers

Answered by kanav
5
जीवमंडल मे जीवन के अस्तित्व के लिए जल का होना आवश्यक है । भूमि पर रहने वाले अधिकांश जीवो को जल बारिश से ही मिलता है । जलचक्र के अनुसार । समुद्र , नदी , तालाब आदि का जल सूर्य की गर्मी से जलवाष्प बनकर बादल का रूप ले लेते है। फिर यही बादल धरती को वर्षा के रूप मे जल देते है । बारिश का कुछ पानी ,भूमि मे संचित हो जाता है, कुछ तालाबो मे  और बचा हुआ भाग नदी मे चला जाता है। सभी प्राणी इन्ही जल स्त्रोतों से जल ग्रहण कर अपना जीवन यापन करते है। शहरो मे भी पाइपलाइन द्वारा इन्ही जल स्त्रोतों का पानी घरो तक पहुंचाया जाता है।
सोचिए अगर बारिश होना बंद हो जाये तो क्या होगा ? अगर बारिश न होगी तो धीरे धीरे भूमि पर रहने वाले सभी जीव खत्म होने लगेंगे । धीरे धीरे सम्पूर्ण भूभाग रेगिस्तान मे परिवर्तित हो जाएगा। सभी नदिया , तालाब , कुएं सूख जाएँगे। बारिश न होने के कारण फसले , पेड़ पोधे सब नष्ट हो जाएँगे और किसी को भी जीवित रहने के लिए आवश्यक भोजन नहीं मिलेगा । “जल ही जीवन है”,  अतः जल नहीं होगा तो भूमि पर जीवन भी नहीं होगा।

chamansidhu: plz mark it brainliest one
kanav: how
chamansidhu: kk don't mark
Answered by chamansidhu
2

जब गर्मी से मानव और धरती झुलस रही होती है तब धरती की तपन बुझाने और जन-मन को शीतल करने के लिए वर्षा ऋतू आती है ।

यह ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है । आकाश में बदल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं । हरियाली से धरती हरी हरी मखमल सी लगने लगती है । चारों तरफ मेंढक टर्र-टर्राने लगते हैं । वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं । खेत फुले नहीं समाते । वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं ।

वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं । रात को टिमटिमाते जुगनू बहुत शोभा बढ़ाते हैं । पपीहे की पीहू-पीहू मन में मस्ती भर देती है । लोग वृक्षों पर झूले डालते हैं । लड़कियां झूले पर झूलती हुयी गीत गाकर समा बांध देती हैं । वर्षा से खेत फलते फूलते हैं । यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है ।

जन-धन-अन्न की हानि होती है । मच्छर तथा कीड़े बहुत तंग करते हैं । वर्षा त्योहार की ऋतू भी है । इसमें रक्षा-बंधन, तीज आदि कई त्योहार आते हैं । वृंदावन तो सावन में स्वर्ग लगता है । भगवन श्रीकृष्ण का जनमोत्स्व ‘जन्माष्टमी’ पर्व भी इस ऋतू का गौरव बढ़ाती है । वर्षा ऋतू भारत भूमि को भगवान का वरदान है ।


chamansidhu: plz mark it brainliest plz plz plz
Similar questions