यद्यपि भारत संसार का एक महत्वपूर्ण लोह इस्पात उत्पादक
देश है तथापि हम इनके पूर्ण संभाव्य का विकास नहीं कर पाये हैं, क्यों
? इसके कारणों का विश्लेषण कीजिए |
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भारतीय इस्पात प्राधिकरण (अंग्रेज़ी:स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल)) भारत की सर्वाधिक इस्पात उत्पादन करने वाली कम्पनी है। यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है। कम्पनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल तथा विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किए जाते हैं। यह भारत सरकार की पूर्ण-स्वामित्व प्राधिकरण है। यह भारत की सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों में से एक है। भारतीय इस्पात प्राधिकरण (स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया) को महारत्न कंपनी बनने का दर्जा सन २०१०[2] में प्राप्त हुआ
यह व्यापार के हिसाब से देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी १० कम्पनियों में से एक है। सेल अनेक प्रकार के इस्पात के सामान का उत्पादन और उनकी बिक्री करती है। इनमें हॉट तथा कोल्ड रोल्ड शीटें और कॉयल, जस्ता चढ़ी शीट, वैद्युत शीट, संरचनाएँ, रेलवे उत्पाद, प्लेट बार और रॉड, स्टेनलेस स्टील तथा अन्य मिश्र धातु इस्पात शामिल हैं। सेल अपने पांच एकीकृत इस्पात कारखानों और तीन विशेष इस्पात कारखानों में लोहे और इस्पात का उत्पादन करती है। ये कारखाने देश के पूर्वी और केन्द्रीय क्षेत्र में स्थित हैं तथा इनके पास ही कच्चे माल के घरेलू स्रोत उपलब्ध हैं। इन स्रोतों में कंपनी की लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें शामिल हैं। कंपनी को भारत का दूसरा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक होने का श्रेय भी प्राप्त है। इसके पास देश में दूसरा सबसे बड़ा खानों का जाल है। कम्पनी के पास अपने लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें हैं जो इस्पात निर्माण के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल हैं। इससे कम्पनी को प्रतियोगिता में लाभ मिल रहा है।
सेल का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार डिवीजन आईएसओ ९००१: २००० से प्रमाणित है। इसका कार्यालय नई दिल्ली में है और यह सेल के पांच एकीकृत इस्पात कारखानों से मृदुल इस्पात उत्पादों तथा कच्चे लोहे का निर्यात करता है।