यदद मैं समाचार-पत्र होता'- दवर्य पर लगभग 100-120 शब्दों म एक लघकथा दलदखए|
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समाचार जानने के लिये बहुत कम थे प्राचीनकाल मे साधन । मनुष्य कि आर्थिक स्थीती बदलती गई वेसे वेसे समाचार पत्रो को जानने कि जिज्ञासा बठती गई । बौध धर्म के सिद्धांतों को दुर दुर तक पहोचाने के लिये सम्राट अशोक ने समाचार पत्र बनवाया था । समाचार पत्र को साधु महात्मा चलते-चलते पहोचाने का कार्य करते थे ।
पहले समाचार पत्र मुगलकाल मे अखबारात-इ-मुअल्ल के नाम का आता हे । समाचार पत्रो का विकास अंग्रेजों के आने के बाद हुवा था । इंडियन गजट नामका समाचर पत्र 20 जनवरी 1780 मे निकाला गया हे ।
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