Hindi, asked by aryansahare800, 7 months ago

yatra Aur yatri kavita ka bhavarth​

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Answered by singhprince0457
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संदर्भ — यह कविता हिंदी के जाने-माने कवि हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई है। इस यात्रा में कवि ने जीवन रूपी यात्री को निरंतर चलने रहने के लिए प्रेरित किया है। भावार्थ — कवि कहता है, हे यात्री जीवन के इस सफर में तुझे हमेशा चलते ही रहना है। जब तक तेरी सांस चल रही है, चलना तेरा धर्म है, चलना तेरा कर्म है।

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