Yatri tatha ticket nirikshan ke beech samvad in Hindi
Answers
Answered by
71
यात्री: "ये बस कहाँ जाती है?"
बस कंडक्टर: "जी सिटी मार्किट तक जाती है।"
यात्री: "वहां पहुँचने में कितनी देर लगेगी?"
बस कंडक्टर: "दस मिनट लगेंगे।"
यात्री: "वहां जाने के लिए कितने पैसे लगेंगे।"
बस कंडक्टर: "दस रूपये का टिकेट है।"
यात्री: "क्या समान के लिए अलग से पैसे देने पड़ेंगे?"
बस कंडक्टर: "नहीं, समान के लिए पैसे देने की आवश्यकता नहीं है।"
यात्री: "धन्यवाद।"
बस कंडक्टर: "जी सिटी मार्किट तक जाती है।"
यात्री: "वहां पहुँचने में कितनी देर लगेगी?"
बस कंडक्टर: "दस मिनट लगेंगे।"
यात्री: "वहां जाने के लिए कितने पैसे लगेंगे।"
बस कंडक्टर: "दस रूपये का टिकेट है।"
यात्री: "क्या समान के लिए अलग से पैसे देने पड़ेंगे?"
बस कंडक्टर: "नहीं, समान के लिए पैसे देने की आवश्यकता नहीं है।"
यात्री: "धन्यवाद।"
Answered by
36
Answer:
टिकट निरीक्षक – कृपया टिकट दिखाइए।
यात्री – महोदय! मुझे आगरा तक ही जाना है।
टिकट निरीक्षक – अच्छी बात है आपको आगरा तक जाना है। टिकट दिखाइए।
यात्री – महोदय! टिकट खरीद कर मैंने अपनी कमीज़ की जेब में रखा था। अब टिकट जेब में नहीं है।
टिकट निरीक्षक – ओह! टिकट नहीं है। देखिए साहब! इस तरह के बहाने बनाने से काम नहीं चलेगा।
यात्री – बहाना नहीं साहब। सच कह रहा हूँ।
टिकट निरीक्षक – कोई यहाँ है क्या? जिसने आपको टिकट खरीदते हुए देखा हो।
यात्री – नहीं। मैं तो किसी को जानता भी नहीं हूँ।
टिकट निरीक्षक – फिर तो एक ही रास्ता है। आप पूरा हर्जाना भरिए और मज़े से सफर करिए।
plz mark me as brainlist *
Similar questions