yesa prashna jiska uttar sutra ho
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सागर. परीक्षा का नाम सुनते ही विद्यार्थियों को पहले गणित के पेपर की याद आती है। ७० फीसदी विद्यार्थियों को गणित के नाम से ही भय पैदा हो जाता है। सवालों को जितना अधिक विद्यार्थी कठिन समझते हैं, उतना कठिन कुछ नहीं होता है।
सवालों को समझकर सूत्रों के आधार पर आसानी से हल किया जा सकता है। परीक्षा के समय बच्चों की मन की बात पैरेंट्स को समझनी चाहिए। बच्चों के साथ बैठकर दिनभर की दिनचर्या जानने से उनका मन भी हल्का हो जाएगा और तैयारी अच्छे से कर सकेंगे। गणित के पेपर में अच्छे अंक लाने कुछ सरल तरीके अपनाए जा सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान-
-सवाल में सूत्र ही प्रमुख होते हैं। सूत्रों को समझकर याद करें। हर प्रश्न को हल करते समय पहले सूत्र लिखें, फिर उसमें मान भरें।
-पेपर मिलते ही वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को पूरा करें और सरल प्रश्नों को पहले हल करें। १० नबंर के ५ प्रश्न रहते हैं। इन्हें हल करने पर पूरे नंबर मिलते हैं।
-केल्कुलेशन पर विशेष ध्यान दें। याद रखें, जिस जगह गलती होगी, उसके बाद से प्रश्न को चैक नहीं किया जाता, उसे गलत
माना जाता है।
-पहले टॉपिक के अनुसार तैयारी करें, फिर सैम्पल पेपर्स की मदद से तैयारी करें। पिछले सात-आठ वर्ष में पूछे गए प्रश्नों का अभ्यास अवश्य करें। 10-15 सैम्पल पेपर का अभ्यास जरूर करें। देखें कि आप तय समय में उन्हें पूरा कर पा रहे हैं या नहीं।
-किसी सवाल का सूत्र यदि जानते हों तो उसको जरूर लिखें। सवालों को क्रमबद्ध तरीके से हल करें ताकि नंबर पूरे मिलें। जहां आवश्यक हो वहां पर चार्ट और ग्राफ जरूर बनाएं।
-प्रश्न ध्यानपूर्वक पढऩे और समझने के बाद हल करें। समय का मैनेजमेंट पहले से बनाएं, किसी प्रश्न को समय के अभाव में न छोड़ें।
-मैथ्स राइटिंग से ज्यादा पैक्ट्रिस करें। सवालों को हल करने के लिए लिखकर प्रैक्ट्रिस करें। पैरेन्ट्स बच्चों के मन की बात समझें, क्योंकि गणित के नाम से कई बच्चों के मन
में डर रहता है।
-अब पुस्तक की समय सारणी में रहता है कि किस चैप्टर से अधिक सवाल आएंगे। उसके अनुसार तैयारी करें। त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, रचनाओं पर अधिक ध्यान दें। इनसे अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं।