Yo! ♡
Good Evening :D
I want amazing content to read about the topic :
- राष्ट्र निर्मान में नारी का योगदान।
- Word limit : 250 - 350 words (Doesn't matter if you exceed).
- Must include amazing some quotes reflecting the power of women.
Happy Women's Day! ♥
All the best guys.
Answers
ए नारी तू है सब पर भारी !!
" नारी तुम प्रेम हो, आस्था हो, विश्वास हो
टूटी हुई उम्मीदों कि एकमात्र आस हो । "
" नारी " एक अकेली इंसान हमारे जीवन में अनेक किरदार निभाती है । एक वृक्ष कि तरह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी छाया प्रदान करती है । एक नारी मां, बेटी, बहू, सास, सबका किरदार निभाती है । पर क्या इतनी मह्वपूर्ण औरत इस समाज में सुरक्षित है ? क्या उन्हें पुरुष के समान अधिकार नहीं मिल सकते ? क्या उनका शोषण बंद नहीं हो सकता ? इस समाज में नारी को एक सती सावित्री की तरह माना जाता है । जबकि अगर नारी ना हो तो समाज का निर्माण नहीं हो सकता । अगर नारी ना हो तो जो लोग को समाज को सम्भाल रहे है, वो भी नहीं जन्मते ।
क्या कोई भी पुरुष किसीको 9 महीने अपने पेट में पाल सकता है ? ऐसे नहीं हो सकता ! हमें नारी का महत्त्व समझना चाहिए । आज के युग में बच्चे अपनी मा तक कि कद्र नहीं करते । लोग कहते है की नारी घर में रहने वाली औरत कुछ काम नहीं करती है, पर क्या पुरुष वर्ग के लोग उसकी जगह वहीं घर का काम कर सकते है ? ऐसा नहीं हो सकता, जब वो खुद करने का प्रयास करे, तो वे असफल होंगे और तब उन्हें नारी का महत्व पता चलेगा ।
राष्ट्र निर्मान में नारी का योगदान।
नारी माता के रूप में भारतीय मूल धुरी हे । ऐसा माना जाता है कि संस्कृति, परम्परा या धरोहर सिर्फ नारी के कारण है पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित हो रही है । रानी लक्षमीबाई, राजिया सुल्तान ने मध्यकाल कि निकट परिस्थितियों में भी अपनी सुकृतियो का झंडा फहराया और देख के लिए अपनी जान तक दी । लेकिन उनकी जान की कीमत चुकाने के लिए लोगों ने क्या किया ? नारियों का शोषण किया :) इन बिना दिल के लोगो ने तो 8 माह की बच्ची को तक नहीं बख्शा तो सोचो कि युवा महिलाओं की क्या दशा होगी । औरत बाहर नोकरी करने जाए उसका शोषण किया, और अगर कोई औरत शोषण के खिलाफ आवाज़ भी उठाए तो उसको ज़िंदा जला दिया, था तक की एक कोर्ट कि जज तक को ज़िंदा जला दिया गया । क्या ऐसे निर्माण होगा इस भारत का ?
दूसरी ओर नारी कि संरक्ष्णा की बात करते है हम लो, इस दौर में स्वतंत्रता आंदोलन के काल खांड को देखे तो हम देखते है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने जितनी बड़ी संख्या में भाग लिया, इससे यह साबित होता है कि आने वाली समय में महिला प्रेम कि पुकार को विद्रोह में हुकार में बदल कर राष्ट्रीय अखंडता को अक्षुण्ण बनाने में अपना सर्वस्व समर्पित कर सकती है । महिला एक सती सावित्री से काली बैन सकती है । इंदिरा गांधी, सरोजिनी नायडू, एनी बेसेंट, अरुणा अली, कप्तान लक्ष्मी सहगल आदि ने राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को न्योझावर कर दिया । इतिहास साक्षी है कि जब जब समाज में नारी को अधिकार या अवसर दिया गया है , तब तब विश्व कि समक्ष श्रेष्ठ उदाहरण कि प्रस्तुत किए है ।
आज नारी हर जगह आगे है। घर संभालने से लेकर पुलिस फोर्स में जाकर देश संभालने में अपने भूमिका अच्छे ने निभा रही है । नारी स्वयं गुणों की सम्पदा है ।
" नारी एक मां है उसकी पूजा करो,
नारी एक बहन है उससे स्नेह करो,
नारी एक भाभी की उसका आदर करो,
नारी एक पत्नी है उससे प्रेम करो,
नारी एक औरत है उसका सम्मान करो । "
sʜᴇ's ᴛʜᴇ ʟɪɢʜᴛ
sʜᴇ's ᴛʜᴇ ʙᴇᴀᴜᴛʏ,
sʜᴇ's ᴛʜᴇ ɢʟᴏʀʏ,
sʜᴇ's ᴛʜᴇ sᴏʟɪᴛᴜᴅᴇ,
sʜᴇ's ᴛʜᴇ sɪʟᴇɴᴄᴇ,
sʜᴇ's ᴛʜᴇ ᴘᴀssɪᴏɴᴀᴛᴇ,
sʜᴇ's ᴛʜᴇ sᴛʀᴏɴɢᴇsᴛ,
sʜᴇ's ᴛʜᴇ ᴜɴᴄᴏɴᴅɪᴛɪᴏɴᴀʟ ʟᴏᴠᴇ,
sʜᴇ's ᴛʜᴇ ʀᴏᴏᴛ,
sʜᴇ's ᴀ ᴡᴏᴍᴀɴ ♡
Do respect her :D
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✦ ✧ आपका उत्तर :✦ ✧
अर्ध सत्य तुम, अर्ध स्वप्न तुम, अर्ध निराशा आशा,
अर्ध तृप्ति तुम, अर्ध अतृप्ति पिपासा आधी काया आग तुम्हारी,आधी काया पानी,
नारी! तुम जीवन की आधी परिभाषा |
“नारी ब्रह्म विद्या है, आदि शक्ति है, सद्गुणों की खान है और वह सब कुछ है, जो इस प्रकट विश्व में सर्वश्रेष्ठ रूप सें दृष्टिगोचर होता हैं | नारी वह सनातन शक्ति हैं जो, अनादि काल से सामाजिक दायित्वों को वहन करती आ रही हैं, जिन्हें पुरूषों का कन्धा अकेला ना संभाल पाता |” माता के रूप मैं वह प्रस्तुत देवी है | किसी भी राष्ट्र निर्माण में उस राष्ट्र की आधी आबादी (स्त्री ) की भूमिका की महत्ता से कदापि इन्कार नहीं किया जा सकता | आधी आबादी यदि निष्क्रिय रहती है तो, उस राष्ट्र की समुचित प्रगति के बारे में कभी कल्पना नहीं की जा सकती है | भारतीय समाज में मध्यकालीन व उत्तर वैदिक काल से ही नारी की स्थिति निम्न होती गयी है| आधुनिकता के आगमन एवं शिक्षा ने उनकी स्थिति में सुधार लाना प्रारंभ किया, जिसका परिणाम राष्ट्र को समुचित प्रगति करने के पथ पर उनका निरंतर अग्रसर होने को रूप नें सामने है| चिकित्सा का क्षेत्र हो या इन्जीनियरिंग, सिविल हो या बैंक क्षेत्र,पुलिस हो या फौज, कोई क्षेत्र नहीं जहाँ नारियों ने अपना परचम ना लहराया हो | राष्ट्र के निर्माण में स्त्रियों का एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है| अधिकांश स्त्रियाँ इस दायित्व का निर्वाह बखूबी कर रही है और आने वाली पीढ़ी के शिक्षित बना रही हैं | अत: सत्य कहा जाता है:- " यदि एक नारी शिक्षित होती है,तो पूरा परिवार शिक्षित होता है|
" नारी तुम केवल श्रद्धा हो,
विश्वास रजत नग पग तल में,
यूँ पीयूष स्त्रोत सी बहा करो,
जीवन के सुंदर समतल में "
निश्चित रूप से नारी ने अनेक बाधाओं को बावजूद नई बुलन्दियों को छूआ है और समूचे विश्व की रूढ़ियों को हिलाकर रख दिया है| उसकी स्थिति में आया अभूतपूर्व बदलाव उसे हाशिए पर रखना असंभव बना रहा है | आज नारी के झुझारूपन का लोहा सबको मानना पड़ रहा है, लेकिन इस के बावजूद उसकी समस्याएँ अभी भी बनी हुई है| वास्तव नें स्त्री की उपेक्षा जन्म के साथ शुरू होती है और इसकी मुक्ति घर की देहरी पार करने के बाद मिलती है | हमारे यहाँ शास्त्रों मेँ कहा गया है :- " यत्र नार्यस्तु पूज्यते,तत्र रमन्ते देवता " जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है व सभी कार्य सिद्धि के साथ समाप्त होते है | इसलिए कहा जा सकता है कि जिस समाज में नारी विभिन्न क्षेत्र से संबंधित कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती है,वहाँ प्रगति की संभावनाएं बढ़ जाती है| निस्संदेह घर - गृहस्थी का निर्माण हो या राष्ट्र का निर्माण हो, नारी के बिना कोई निर्माण पूर्ण नहीं हो सकता है | वह माता, बहन व पुत्री रूपी विविध रूपों से पुरूषों के जीवन हमें आध्यात्मिक रूप से संबंधित है | वास्तव में शक्ति और अधिकार उनकी सहायता तब तक नहीं कर सकते जब तक वह स्वयं की मानसिकता को ,उठाकर दृढ़ प्रयास नहीं करेंगी |
आप सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!♡