Hindi, asked by anushka9217, 1 year ago

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Bad criticism of Harivansh Rai Bachchan poem in hindi

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Answered by Bishalsaw
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Harivansh Rai Bachchan Death Anniversary हरिवंश राय बच्चन के कविताओं की खासियत यह है कि उन्होंने इनसानी जीवन की नीरसताओं को स्वीकार करते हुए भी उनसे मुंह मोड़ने के बजाय उसे खुशी मन से अपनाने की प्रेरणा दी.

हरिवंश राय बच्चन: सामान्य बोलचाल की भाषा को दी थी कविता की गरिमा

आज हिंदी के एक प्रसिद्ध साहित्यकार हरिवंश राय 'बच्चन' की पुण्यतिथि है. आज से 16 साल पहले 2003 में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. सामान्य बोलचाल की भाषा को कविता की गरिमा प्रदान करने का श्रेय बच्चन को ही जाता है. हरिवंश राय बच्चन अपनी कविताओं में डूबने के बुलावेके साथ ही रूमानियत और कसक की वजह से जाने जाते थे. कायस्थ हरिवंश राय को उनकी शरारतों की वजह से 'बच्चन' कहा जाता था, जिसे बाद में हरिवंश राय ने अपने साथ जोड़े रखा.

उन्होंने शुरुआती पढ़ाई उर्दू में की और फिर उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में एम.ए. किया. कई सालों तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में प्राध्यापक रहे बच्चन ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी के कवि यीट्स पर पी.एच.डी. कीथी. साथ ही वे आकाशवाणी से जुड़े रहे और एक हिंदी विशेषज्ञ के रूप में विदेश मंत्रालय के साथ भी काम किया. साल 1926 में 19 वर्ष की उम्र में उनका विवाह श्यामा बच्चन से हुआ, जो उस समय 14 साल की थी.

हालांकि 1936 में उनकी पत्नी की टी.बी से मौत हो गई. उसके बाद 'बच्चन' की कविता संग्रह 'निशा निमंत्रण' और 'एकान्त संगीत' जैसी रचनाएं आई. पांच साल बाद साल 1941 में उन्होंने तेजी सूरी से शादी की, जो रंगमंच और गायन से जुड़ी हुई थीं. नौकरी मिलने के बाद उन्होंने'नीड़ का पुनर्निर्माण' जैसी कविताओं की रचना की.

मधुशाला से साहित्य जगत पर

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