youvaon k liye matdan ka adikar
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इसमें कोई दोराय नहीं है कि हम एक लोकतांत्रिक देश के स्वतंत्र नागरिक है। लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जितने अधिकार नागरिकों को मिलते हैं, उनमें सबसे बड़ा अधिकार है वोट देने का अधिकार। इस अधिकार को पाकर हम मतदाता कहलाता हैं। वही मतदाता जिसके पास यह ताकत है कि वो सरकार बना सकता है, सरकार गिरा सकता है और तो और स्वयं सरकार बन भी सकता हैं। जब 26 जनवरी, 1950 को हमारा देश गणतांत्रिक बन रहा था। अलबत्ता हमारा देश का संविधान लागू हो रहा था। उसी के एक दिन पहले 25 जनवरी, 1950 को देशभर के सभी चुनावों को निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ कराने के लिए ‘भारत निर्वाचन आयोग’ का गठन हुआ। वहीं 2011 में भारत सरकार ने चुनावों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने व जागरूकता लाने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग के गठन दिवस को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ घोषित करने का निर्णय लेते हुए इस दिवस को प्रतिवर्ष मनाने का ऐलान किया। इस दिन मतदाता को उसके मत की शक्ति से वाक़िफ़ कराने के लिए देशभर में कई सामाजिक संस्थाएं और सरकार द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।