Yrr help kardo meri plz
Meri help kardo koi
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परिमल' एक साहित्यिक संस्था थी जिसका गठन लेखक, फ़ादर और उनके साथियों ने मिलकर किया था। लेखक को 'परिमल' के दिन इसलिए याद आते थे, क्योंकि उसमें सभी एक पारिवारिक रिश्ते कि तरह बँधे थे और उसमें जेष्ठ फ़ादर बुल्के ही थे, जो उस संस्था के सभी के साथ निर्लिप्त भाव से सम्मिलित होकर सबका पथ प्रदर्शन करते थे।
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