Yudhisthir ka Charitra chitran in Hindi
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युधिष्ठिर पाण्डु के पुत्र और पांच पाण्डवों में से सबसे बड़े भाई थे। महाभारत के नायकों में समुज्ज्वल चरित्र वाले ज्येष्ठ पाण्डव थे। युधिष्ठिर धर्मराज के पुत्र थे। वे सत्यवादिता एवं धार्मिक आचरण के लिए विख्यात हैं। अनेकानेक धर्म सम्बन्धी प्रश्न एवं उनके उत्तर युधिष्ठिर के मुख से महाभारत में कहलाये गये हैं। शान्तिपर्व में सम्पूर्ण समाजनीति, राजनीति तथा धर्मनीति युधिष्ठिर और भीष्म के संवाद के रूप में प्रस्तुत की गयी है। युधिष्ठिर भाला चलाने में निपुण थे। वे कभी मिथ्या नहीं बोलते थे। उनके पिता ने यक्ष बन कर सरोवर पर उनकी परीक्षा भी ली थी। महाभारत युद्ध में धर्मराज युधिष्ठिर सात अक्षौहिणी सेना के स्वामी होकर कौरवों के साथ युद्ध करने को तैयार हुए थे, जबकि परम क्रोधी दुर्योधन ग्यारह अक्षौहिणी सेना का स्वामी था।
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- युधिष्ठिर को धर्मराज (यमराज) पुत्र भी कहा जाता है।
- महाभारत के नायकों में समुज्ज्वल चरित्र वाले ज्येष्ठ पाण्डव थे।
- वे बहुत शांत स्वभाव के थे।
- हर काम सोच समझ के करते थे।
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