yuva sangati laxmikant
संगति, समाज ,युवा✒️
आज इस देश स्कुल ,कस्बा के युवा संघ पर विचार -विमर्श करने जा रहा हूँ,साथ-साथ देश की एक प्रमुख समस्या पर भी|आज के युवा कल के भविष्य है।इस ग्राम ,देश ,विश्व के निंव युवा पर हि है| यदि वह गलत संगत मेँ फँस जांए,तो उस युवा के साथ-साथ देश पतन का कारण होता है। जी बिल्कुल, हां!
मैं अपने अनुभवों से बता रहा हूं मैंने पूर्व में जो मैंने पूर्व भारत के संस्कारों को देखा था, या पूर्व विद्यालय के संस्कारों को देखा था वो कायम नहीं रहा। जो गरिमा जिस उद्देश्य के साथ बीडी पब्लिक स्कूल के संस्थापक माननीय शिव हरि राय जी ने अपने साथी शिक्षक गण की सहायता से जिस उद्देश्य की भाव से किया था वह सार्थक नहीं रहा है, वह अब अखंडित हो रही है। इसका मूल कारण युवा वर्ग है।
अभी के वर्तमान पीढ़ी( युवा) जो है उनसे इस देश या विद्यालय कल्याण की उम्मीद शायद ही की जा सकती है। क्योंकि उन्होंने जो संगति बनाई है ,उसका कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है। असंगत लोगों का संगत संगती है।
उनके समूह के पास से होकर यदि कोई कन्या गुजरती हैं, तो उनलोगों का प्रतिक्रिया जय सिया राम बोलने को छोड़कर उनकी टिप्पणी कुछ और ही होती है।
औरत है वो कोई गोश्त नहीं,जो तू उसे नोच ले,,हबस की आग में जलने बाले भेड़िये...
एक बार अपनी माँ बहन की भी सोच ले..!
भले ही वह प्रतिक्रिया उस समूह में कुछ ही लोगों ने दिया परंतु औरों के मुंह पर ताले क्यों? दोस्ती भी तो कैसी अपने मित्र को दुर्व्यवहार करने से रोका नहीं? इस दुर्घटना में इस संकट के सभी लोग को दोषी ठहराना उचित होगा। क्योंकि
भले ही द्रोपदी का चीर हरण दुर्योधन ने करवाया।
परंतु वहां पर बैठे द्रोणाचार्य, कृपाचार्य , भीष्मपितामह,
इत्यादि कई लोग दोषी कहलाएं। क्योंकि उन्होंने भारतवर्ष के कुलवधू की चीरहरण में चुप्पी साध रखी थी। और भविष्य उनको दंडित भी किया।
संस्कार ,मर्यादा कन्या चीरहरण पर जो चुप पाए जाएंगे,
इतिहास के कालखंड में सभी कायर कह कहलाएंगे।
भले ही वहां बैठे दो लोगों ने उस कन्या के साथ दुर्व्यवहार किया हो ,परंतु उस समय सारा गांव की बदनामी आती हैं।
क्योंकि जब वह कन्या शिकायत करेगी वह क्या बोलेगी? इस विद्यालय,इस कक्षा का, इस राष्ट्र का लड़का ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया क्योंकि वह तुम्हारा नाम नहीं जानती है उस समय हमारे शिक्षक महोदय देश के वृक्ष महापुरुषों की बदनामी आती है। हमारे माता-पिता के दिए हुए संस्कारों पर सवाल उठने लगते हैं?
उस समय हमारे पूरे गांव की बदनामी होती हैl
दो बात युवाओं के लिए
आप की संगति है पर उसमें एकता नहीं, उसका कोई शाश्वत लक्ष्य नहीं। आप लोग की संगति का निर्माण कुछ और कार्य के लिए किया गया है। छण भर के आनंद पाने के लिए किया गया है।
जो आपके भविष्य के लिए घातक सिद्ध होगा।
आसक्ति से बड़ा कोई अनल (आग) नहीं
और शारीरिक आकर्षण से बड़ा कोई शत्रु नहीं।
आप लोग राष्ट्र कल्याण विद्यालय कल्याण के लक्ष्य संगति का निर्माण करिए।
तब देखिए कितना आनंद आता है। आप लोगों को जिम्मेदार होना चाहिए।आप लोग से नम्र निवेदन है कि
अपने विद्यालय अपने राष्ट्र का नाम गौरवान्वित करें।
वर्ग नायक का जिम्मेवारी होती है विद्यालय या वर्ग में होने वाले कोई भी कार्यक्रम में शांति का माहौल बना रहे। या हिंदू धर्म की जन्मभूमि है यहां बौद्ध धर्म की स्थापना हुई मक्का मदीना से लेकर गुरु नानक जैसे महापुरुषों की धर्म ,कर्म की चेतना वाली भूमि पर मुझे तरस आती है , कि दिनकर के अस्त हो जाने के बाद कोई सड़क से होकर एक कन्या अपने घर तक जाने में मैं महफुज नहीं समझती है, परवाह नहीं मुझे ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करने की। भी ना थी ऐसी आचरण वाले व्यक्ति पर, जिन्होंने पूरे इतिहास को बर्बाद कर रखा है।
विद्यालय की स्थापना एक नई उन्नति एक नई सोच को जागृत करने के लिए होती है और उसी मंदिर में आकर,हमलोग अपना समूह बनाते हैं, अपने से छोटों पर रोब जमाते, जहां तक कि हम विद्या की परिपूर्ण मंदिर पर खुद का अधिकार जमाते हैं। ऐसी चेतना वाली भूमि पर कभी-कभी तो हद हो जाती है , कन्या का अपमान।
रोना इस बात पर आता है, कि हमारे वर्ग शिक्षक भी अपने पर अपमानजनक महसूस करते हैं वह बार-बार यही सोचते हैं कि मेरी शिक्षा में क्या कमी रह गई कि ऐसा दिन देखना पडा़, मेरे भाइयों किसी और के साथ स्थिति उत्पन्न मत करना यही मेरी निवेदन है
आप ऐसी माहौल की रचना करो जिसे हर कार्य,और बाधाओं पर विजय प्राप्त हो।
तब आप की संगति की चर्चा आसपास की सभी मोहल्ले देश समाज में होने लगेगी। उस समय उद्देश्य सफल होगा
संगत से गुण आत है ,संगत से गुण जात।
अब निर्णय तो आपको करनी है कि आपको संगत गुण लेने के लिए बनानी है या खोने के लिए?
एक बात अभिभावकों के लिए
बच्चे सृजन के बीज होते हैं उन्हें सही से ऑक्सीजन और पानी मिले, तो वह फलित फुलीत होकर फल देते हैं।
वह कच्चे मिट्टी है आपको निर्णय लेना है कि उन्हें फेंकना है या सुंदर घडा़ गढ़ना है? क्योंकि जब वह विकास करते हैं तो परिवार के साथ- साथ ,जन्मभूमि, देश का भी नाम रौशन होता है।किसी भी तरह से उनको सही पथ पर अग्रसीत करें।
अतः हम सभी ग्रामवासी को ऐसी महौल बनानी है कि सम्मेलन की बेला पर एक दूसरे को जय सियाराम बोलें
और इस अमल की जाने की प्रार्थना करता हूं
आज का सुविचारदेश के युवा को कामवासना से दूर रहना चाहिए। जब युवा इन बातों में उलझता है तो अध्ययन और सेहत पर ध्यान नहीं दे पाता है। कामवासना से वह निष्क्रिय हो जाता है। जबकि यह उम्र सीखने और सक्रिय रहने की होती है।
दुष्ट की संगति करने से अच्छा है कि उसका त्याग कर दो। जो व्यक्ति दुष्ट के संग रहेगा, उसका शीघ्र ही पतन होगा। अत: दुष्ट के संग से दूर रहने में ही कल्याण है।
✒️लक्ष्मीकांत
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Answer:
/wur/wk4wuxl/4uals/o8z5wyYrzurzlyrzdyyrzykrztul
Explanation:
arykr/kauark uyq4zkruw/k
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