Z<br />3.<br />खण्ड-"क"<br />प्र. 1. निम्न गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए।<br />"जो व्यक्ति सद्गुण संपन्न होते हैं सदारी होते हैं, जनहित ही<br />जिनके जीवन का लक्ष होता है। वे महान पुरूष होते हैं, महात्मा<br />होते हैं। दुष्टों के निरन्तर संसर्ग और संपर्क में रहते हुए भी<br />उनके चरित्र और स्वभाव पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। उनके<br />स्वभाव में कोई विकृति नहीं आ पाती। वे चंदन की भाँति<br />दुष्प्रवृतियों के बीच रहते हुए भी समाज के संतापों को अपनी<br />शीतलता से हटाते रहते हैं। अपने गुणों की सुगंध से वातावरण<br />को पवित्र बनाए रहते हैं। वे दुष्टों के प्रति निस्संग और निर्लिप्त<br />रहकर भी अपना कार्य करते रहते हैं। संगति का गुप्त प्रभाव<br />हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है, यह उक्ति समान्य<br />व्यक्तियों के लिए कही गई है। चंदन जैसे व्यक्तित्व और चरित्र<br />वाले दृढ़ और उदात्र स्वभाव वाले महापुरूषों पर यह लागू नहीं<br />होता। वे लोग कुसंगति के प्रभाव से बहुत ऊपर उठ चुके होते<br />हैं, वह प्रभाव अन्हें छू भी नहीं पाता है। यहां एक बात और<br />ध्यान देने योग्य है, वह यह कि चंदन का वृक्ष अपने अंगों से<br />लिपटे हुए विषधरों के प्रति कभी कोई कटु प्रतिक्रिया नहीं<br />करता, उसी तरह वे महान लोग भी दुष्टों के प्रति कोई घृणा,<br />द्वेष या आक्रोष व्यक्त नहीं करते और न ही वे उन्हें दंड देने की<br />चेष्टा करते हैं।"
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Mera question complete ho gya aapka
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mujhe ye nhi aata plzz kuch dusra QN de do
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