Hindi, asked by anusha3774, 3 months ago

ज़मींदारों के समय में भारत की क्या दशा रही होगी?​

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Answered by semore015
4

Answer:

स्वतंत्र भारत की सरकार का पहला कदम जमींदारी प्रथा का उन्मूलन करना था। चूँकि संविधान में भूमि सुधार राज्य का विषय है, इसलिये प्रत्येक राज्य सरकार को सामंती शोषण को समाप्त करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कानून-बनाने की जरूरत थी। अधिकांश राज्यों में इस प्रक्रिया को पूरा करने में चार-पाँच वर्ष लग गए, जिसके कारण जमींदार गलत ढंग से दस्तावेजों को अपने पक्ष में करने में सफल हो गए। इसके कारण बड़े पैमाने पर काश्तकार बेदखल हुए और जमींदार के नाम की जमीन उसके परिवार के अनेक सदस्यों व फर्जी नामों से तैयार की गई। फलस्वरूप जमींदारी उन्मूलन में भू-स्वामी द्वारा काश्तकारों से लगान वसूल करना तो गैर-कानूनी हो गया जिससे बिचौलियों की समाप्ति तो हो गई लेकिन भू-जोतों की स्वामित्व पद्धति पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा। इस सम्बन्ध में एक सबसे बड़ी कमी यह रह गई थी कि ऐसी भूमि जोकि व्यक्तिगत खेती के तहत थी।

Answered by jhaayushi79
0

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