ज़रा बताइए तो
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेदों के नाम बताइए।
• रूढ़' तथा 'योगरूढ़' शब्दों में क्या अंतर है?
. अर्थ के आधार पर शब्दों के कितने भेद हैं?
आइए, अब लिखें
1. निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द द्वारा रिक्त स्थानों को भरिए-
(क) जो शब्द देश के विभिन्न प्रदेशों से हिंदी में आए हैं, वे
शब्द कहलाते हैं।
(ख) जिन शब्दों में लिंग,
कारक आदि के कारण परिवर्तन आ जाता है, वे
शब्द कहलाते हैं।
(ग) क्रियाविशेषण, संबंधबोधक,
तथा
अविकारी शब्द कहलाते हैं।
(घ) संस्कृत के जो शब्द हिंदी में ज्यों-के-त्यों प्रयोग किए जाते हैं, वे
शब्द
कहलाते हैं।
( (ङ) जो शब्द दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बनते हैं, वे
शब्द कहलाते हैं।
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Explanation:
- उत्पत्ति के आधार पर भेद अग्नि वायु क्षेत्र सूर्य आदि !
रूढ़ शब्द और यौगिक शब्द में अंतर
2.(a) रूढ़ शब्द का खण्ड सार्थक नहीं होता है। (a) यौगिक शब्द का खण्ड सार्थक होता है। (b) रूढ़ शब्द मात्र वर्णों का संयोग होता है। जैसे- कल, जल, घर आदि।
2. b वे शब्द जो यौगिक होते हैं, परंतु एक विशेष अर्थ के लिए रूढ़ हो जाते हैं, योगरूढ़ शब्द कहलाते है। मतलब यह कि यौगिक शब्द जब अपने सामान्य अर्थ को छोड़ विशेष अर्थ बताने लगें, तब वे 'योगरूढ़' कहलाते है। जैसे- लम्बोदर, पंकज, दशानन, जलज इत्यादि ।
3.यह छह भेद निम्न-अनुसार हैं:
समरूप भिन्नार्थक या श्रुतिसम भिन्नार्थक
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
पर्यायवाची शब्द
विपरातार्थक शब्द
अनेकार्थी शब्द
एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्
4.जो शब्द देश के विभिन्न प्रदेशों में प्रचलित आम बोल-चाल की भाषा से हिंदी में आ गए हैं, वे देशज शब्द कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में- जो शब्द देश की विभिन्न भाषाओं से हिन्दी में अपना लिये गये है, उन्हें देशज शब्द कहते है।
5.
विकारी
6.अविकारी शब्द - जिन शब्दों जैसे क्रियाविशेषण ,संबंधबोधक ,समुच्चयबोधक , तथा विस्मयादिबोधक आदि के स्वरूप में किसी भी कारण से परिवर्तन नहीं होता, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं ! अविकारी शब्दों को अव्यय भी कहा जाता है
7.अर्थात् किसी भाषा में प्रयुक्त उसकी मूल भाषा के शब्दों को तत्सम कहते हैं। हिन्दी की मूल भाषा संस्कृत है। अतः संस्कृत के वे शब्द जो हिन्दी में ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं, उन्हें तत्सम शब्द कहते
8.योग' का अर्थ होता है जोड़। अतः दो शब्दों के जोड़ से बने ऐसे शब्द, जो सार्थक होते हैं-यौगिक शब्द कहलाते हैं।