Geography, asked by bsaptarsi9, 5 months ago

পশ্চিম ভূমি কাকে বলে​

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Answered by gpkusum470
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पौराणिक काल से कई सभ्यताओं ने हवा में प्रक्षेपित किये जाने वाले उपकरण ईजाद करे — जैसे पाषाण, शूल, त्रिशूल, बाण इत्यादि[1][2], ऑस्ट्रेलिया का बूमरॅंग, गर्म हवा का कुओमिंग फ़ानूस और पतंग। कई सभ्यताओं के किस्से-कहानियों में मनुष्य द्वारा पंख लगाकर उड़ने के प्रसंग देखे जा सकते हैं। हिन्दुओं की पौराणिक गाथाओं में तो विमानों का भी वर्णन हुआ है, जैसे रामायण में पुष्पक विमान का।

राइट बन्धुओं द्वारा पहली उड़ान, १७ दिसम्बर सन् १९०३ ई.

आधुनिक युग में विमानन की शुरुआत २१ नवम्बर सन् १७८३ ई. में प्रथम निर्बाधित मनुष्य-सहित हवा से हल्के गर्म हवा के ग़ुब्बारे के द्वारा हुयी, जिसे फ़्रांस के मॉन्टगॉल्फ़िये बन्धुओं ने विकसित किया था। इस गर्म हवा के ग़ुब्बारे की उपयोगिता सीमित थी क्योंकि उसे हवा के समरुख ही चलाया जा सकता था। जल्दी ही यह आभास हो गया कि एक परिचालन योग्य ग़ुब्बारा अत्यंत आवश्यक है। जॉं पीअरे ब्लॅन्चर्ड ने सन् १७८४ ई. में पहला मनुष्य परिचालित ग़ुब्बारा उड़ाया तथा सन् १७८५ ई. में उसकी सहायता से इंग्लिश चैनल पार किया।

हिन्डॅन्बर्ग लेकहर्स्ट नौसैनिक हवाई अड्डे में, सन् १९३६ ई.

सन् १७९९ ई. में सर जॉर्ज केअली आधुनिक विमान का विचार सामने लाये जो कि अचल परों वाला उड़ने का यंत्र था और जिसका पृथक उत्थापन, प्रणोदन और नियन्त्रण था।[3][4]

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