Physics, asked by shilparam6402, 11 months ago

0.1 kg संहति के पत्थर पर कार्यरत नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा निम्नलिखित परिस्थितियों में ज्ञात कीजिए :
(a) पत्थर को स्थिर रेलगाड़ी को खिड़की से गिराने के तुरंत पश्चात्,
(b) पत्थर को 36 km tex]h^{-1}[/tex] के एकसमान वेग से गतिशील किसी रेलगाड़ी की खिड़की से गिराने के तुरंत पश्चात्,
(c) पत्थर को 1 m s^{-2} के त्वरण से गतिशील किसी रेलगाड़ी की खिड़की से गिराने के तुरंत पश्चात्,
(d) पत्थर 1 m s^{-2} के त्वरण से गतिशील किसी रेलगाड़ी के फर्श पर पड़ा है तथा वह रेलगाड़ी के सापेक्ष विराम में है l
उपरोक्त सभी स्थितियों में वायु का प्रतिरोध उपेक्षणीय मानिए।

Answers

Answered by dheerajk1912
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दिया गया डेटा: -

पत्थर का द्रव्यमान (M)= 0.1 kg

गुरुत्वाकर्षण त्वरण(g) = 10 \mathbf{\left ( \frac{m}{s^{2}} \right )}

छद्म बल \mathbf{(F_{c})=M\times a}

अब सवाल पर आते हैं

a):-  पत्थर को स्थिर रेलगाड़ी को खिड़की से गिराने के तुरंत पश्चात् पत्थर  

       पर बल होगा

       गुरुत्वाकर्षण बल (F) =M×g= 0.1×10 = 1   N      (लंबवत नीचे की दिशा)

b):-  पत्थर को 36\mathbf{\left ( \frac{km}{h} \right )} के एकसमान वेग से गतिशील किसी रेलगाड़ी की  

       खिड़की से गिराने के तुरंत पश्चात्पत पत्थर पर बल होगा

       गुरुत्वाकर्षण बल (F) =M×g= 0.1×10 = 1   N     (लंबवत नीचे की दिशा)

c):-  पत्थर को 1 \mathbf{\left ( \frac{m}{s^{2}} \right )}  के त्वरण से गतिशील किसी रेलगाड़ी की खिड़की से  

       गिराने के तुरंत पश्चात् पत्थर पर बल होगा

      गुरुत्वाकर्षण बल (F) =M×g= 0.1×10 = 1   N     (लंबवत नीचे की दिशा)

d):- पत्थर 1 \mathbf{\left ( \frac{m}{s^{2}} \right )}  के त्वरण से गतिशील किसी रेलगाड़ी के फर्श पर पड़ा है तथा वह  

      रेलगाड़ी के सापेक्ष विराम में है पत्थर पर बल होगा

      गुरुत्वाकर्षण बल (F) =M×g= 0.1×10 = 1   N   (लंबवत नीचे की दिशा)

      छद्म बल \mathbf{(F_{c})=M\times a=0.1\times 1=0.1 \ N} (ट्रेन के त्वरण के विपरीत)

     पत्थर पर नेट बल \mathbf{(F_{R})=\sqrt{F^{2}+F_{c}^{2}}=\sqrt{1^{2}+0.1^{2}}=1.005 \ N}

     

Answered by kaashifhaider
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0.1 kg संहति के पत्थर पर कार्यरत नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा की निम्नलिखित परिस्थितियों में गणना।

Explanation:

a) m = ०.1 किलो,

a = + g= १० मीटर / एस^2

शुद्ध बल F  = ma = 0.1 × 10 = 1.0N

यह बल  लंबवत नीचे की ओर कार्य करता है।

(b) जब ट्रेन निरंतर वेग से चल रही होती है, तो इसका त्वरण = 0 होता है, इस गति के कारण पत्थर पर कोई बल कार्य नहीं करता है।

इसलिए  पत्थर पर बल = पत्थर का वजन = mg = 0.1 × 10 = 1.0 N

यह बल लंबवत नीचे की ओर भी कार्य करता है।

(c) जब ट्रेन 1 m s-2 के साथ गति कर रही है, तो एक अतिरिक्त बल

F '= ma = 0.1 × 1 = 0.1 N

क्षैतिज दिशा में पत्थर पर कार्य करता है। लेकिन एक बार ट्रेन से पत्थर गिरा देने के बाद, F शून्य हो जाता है और पत्थर पर शुद्ध बल

F = mg = 0.1 × 10 = 1.0 N,

लंबवत नीचे की ओर कार्य करता है।

(d) चूंकि पत्थर ट्रिन के फर्श पर पड़ा है, इसलिए इसकी गति ट्रेन के समान है।

 पत्थर पर अभिनय करने वाला बल,

F = ma = 0.1 × 1 = 0.1 N

यह  बल ट्रेन की गति की क्षैतिज दिशा के साथ है।

घर्षण बल से लाभदायक तथ्य एवं हानिकारक तथ्य।

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