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Answers
Answer:
प्रश्न 3. ववजय बाबूएक ग्राहक थेऔर मुरलीवाला एक ववक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के
समथणन में क्या क्या तकण देते हैं?
उत्तर:- एक ग्रा क के तौर पर ववजय बाबूतकण देते ैंकक दकु ानदार को झूठ बोलने की आदत
ोती ै। सामान सबको एक ी भाव में देते ैं पर प ले अधधक और किर कम दाम बताकर
ग्रा क पर अ सान का बोझ डाल देते ो। एक ववक्रेता के तौर पर मुरलीवाला तकण देता ै कक
ग्रा क को सामान की असली लागत का पता न ीिं ोता ैऔर दकु ानदार ानन उठाकर
सामान क्यों न बेचे पर ग्रा क को लगता ै कक दकू ानदार उसे लिू ी र ा ै।
प्रश्न 4. खखलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रनतक्रक्रया होती थी?
उत्तर:- ख लौनवे ाले की मादक मधरु आवाज सुनकर बच्चे चिंचल ो उठते। उसके स्ने पूर्ण
किंठ से िूिती ूई आवाज सुनकर ननकि के मकानों में ल-चल मच जाती। गमलयों तथा
उनके भीतर ष्स्थत छोिे-छोिे उद्यानों में ेलते और इठलाते ुए बच्चों का समू अपनी
जूते- िोपी को उद्यान में ी भूलकर उसेघेर लेते।
प्रश्न5- रोदहर्ी को मुरलीवालेके तवर सेखखलौनेवालेका तमरर् क्यों हो गया?
उत्तर:- रोह र्ी को मरुलीवाले के स्वर से ख लौनेवाले का स्मरर् ो आया क्योंकक उसे व
आवाज जानी-प चानी लगी। उसे स्मरर् ो आया कक ख लौनवे ाला भी इसी प्रकार मधुर किंठ
से गाकर ख लौने बेचा करता था और इस मुरलीवाले का स्वर भी उसी तर का था। ये भी
ठीक वैसे ी मधरु आवाज में गा-गाकर मुरमलयाँबेच र ा था।
प्रश्न 6. क्रकसकी बात सुनकर ममठाईवाला भावकु हो गया था? उसने इन व्यवसायों को
अपनाने का क्या कारर् बताया?
उत्तर:- ममठाईवाला रोह र्ी की बात सनु कर भावकु ो गया था। उसने इस छोिे व्यवसाय को
अपनाने का कारर् य बताया कक इससे उसे अपने मतृ बच्चों की झलक दसू रों के बच्चों में
ममल जाती ै। बच्चों के साथ र कर उसे सिंतोष, धयै ण व असीम सु की प्राष्तत ोती ै।
प्रश्न7 - ‘अब इस बार ये पैसेन लँूगा’ – कहानी के अंत में ममठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर:- ‘अब इस बार ये पैसे न लँूगा’ – क ानी के अिंत में ममठाईवाले ने ऐसा इसमलए क ा
क्योंकक एक तो प ली बार ककसी ने उसके प्रनत इतनी आत्मीयता हद ाई और उसके दुःु को