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चितवत चंद चकोरा में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है ?
Answers
Answer:
अनुप्रास अलंकार
Explanation:
क्यूकिं वर्ण की आवृति हो रही है।
Answer:
चितवत चंद चकोरा' में अनुप्रास अलंकार है, अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 4 'अनुप्रास अलंकार' सही उत्तर है। स्पष्टीकरण: काव्य की शोभा बढ़ाने के लिए उपयोग में लिए गये मोहक शब्दों को "अलंकार" कहते है|
अलंकार का सामान्य अर्थ है, 'आभूषण' या 'गहना'। जिस प्रकार आभूषण से शरीर की शोभा बढ़ती है, उसी प्रकार अलंकार से काव्य की शोभा बढ़ती है। अलंकार शब्द का अर्थ है- वह वस्तु जो सुंदर बनाए या सुंदर बनाने का साधन हो। साधारण बोलचाल में आभूषण को अलंकार कहते हैं। जिस प्रकार आभूषण धारण करने से नारी के शरीर की शोभा बढ़ती है, वैसे ही अलंकार के प्रयोग से कविता की शोभा बढ़ती है।
आचार्यों ने अलंकार के लक्षण इस प्रकार बताए हैं-
1. कथन के असाधारण या चमत्कार पूर्ण प्रकारों को अलंकार कहते हैं।
2. शब्द और अर्थ का वैचित्र्य अलंकार है।
3. काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्मों को अलंकार कहते हैं।
4. काव्य की शोभा की वृद्धि करने वाले शब्दार्थ के अस्थिर धर्मों को अलंकार कहते हैं।
वास्तव में अलंकार काव्य में शोभा उत्पन्न न करके वर्तमान शोभा को ही बढ़ाते हैं। इसलिए आचार्य विश्वनाथ के शब्दों में "अलंकार शब्द अर्थ-स्वरूप काव्य के अस्थिर धर्म हैं और ये भावों और रसों का उत्कर्ष करते हुए वैसे ही काव्य की शोभा बढ़ाते हैं जैसे हार आदि आभूषण नारी की सुंदरता में चार-चाँद लगा देते हैं।"
अलंकार के भेद- अलंकार के तीन भेद होते हैं-
1. शब्दालंकार
2. अर्थालंकार
3. उभयालंकार