Science, asked by banos6923, 4 months ago

01 ऐसे यौगिक का नाम और रासायनिक सूत्र लिखिए जो एक एंटासिड का महत्वपूर्ण घटक
है और इसका उपयोग अग्निशामक यंत्रों में भी किया जाता है। (1)​

Answers

Answered by soumyathakur84
9

Answer:

आग बुझाने में सहायक वे यंत्र जिसके द्वारा आग बुझाने के लिए रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करते हैं, अग्निशमन या अग्निशामक यंत्र कहलाता है।

कोई भी आग शुरुआत में छोटी ही रहती है, यदि आग को प्रारंभिक स्थिति में ही बुझा दिया जाय तो उसके भयंकर रूप के कोप से बचा जा सकता है। इन्ही बातों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, हल्के वजन के साथ आसानी से कही भी ले जाने या लाने के साथ साथ उपयोग करने में भी आसान होता है।

ले जाने योग्य अग्निशमन यंत्र:

वे अग्निशमन यंत्र जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुगमता से या आसानी पूर्वक लेजाया जा सके तथा आग की स्थिति में कोई अभी उसका आग बुझाने में प्रयोग कर सके उसे ले जाने योग्य अग्निशमन यंत्र कहते हैं। बनावट के अनुसार ये दो प्रकार के होते हैं:

कोनिकल अग्निशमन यंत्र

2. सीलेण्डरीकल अग्नि शमन यंत्र।

अग्निशमन यंत्र के प्रकार:

वाटर टाइप फायर एक्सटिंगयुसर

मैकेनिकल फोम टाइप एक्सटिंगयुसर

ड्राई केमिकल पाउडर एक्सटिंगयुसर

कार्बन डाई ऑक्साइड एक्सटिंगयुसर

1. वाटर टाइप एक्सटिंगयुसर:

यह अग्निशमन यंत्र क्लास A के आग के लिए ही बनाया गया है, क्योंकि इसमें पानी और कार्बन डाई ऑक्साइड से भरा एक छोटा सिलेंडर लगा होता है। यह कूलिंग मेथड पर काम करता है। इस यंत्र को प्रयोग में लाने से पहले गैस कार्टिलेज को पंक्चर करना पड़ता है, जिसके मदद से पानी बाहर निकालने में आसानी होती है। और जब पानी पूरी गति के साथ बाहर निकलता है तो नोज़ल के माध्यम से आग पर छिड़काव कर आग बुझा दी जाती है।

2. मेकेनिकल फोम टाइप एक्सटिंगयुसर:

इस अग्निशमन यंत्र में दो तरह के मसलों सोडियम बाई कार्बोनेट तथा कार्बोनेट स्टेवलाईजर के घोल को पानी में

मिला कर दो अलग-अलग कंटेनरों में रखा जाता है। जब ये दोनों आपस मे मिलकर रासायनिक प्रतिक्रिया करते हैं, कार्बन डाइऑक्साइड और एक गाद के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। जैसे ही कार्बन डाइऑक्साइड तैयार होता है वह यंत्र से बाहर आने की कोशिश करता है, लेकि यंत्र के बनावट के कारण व आसानी से बाहर नही निकल पाता बल्कि गाद के साथ मिलकर झाग का रूप ले लेति है जिससे यह नोज़ल के माध्यम से झाग के रूप में बाहर निकलती है, यदी इस झाग को आग के सतह पर फेंका जय तो यह हल्केपन के कारण तरल के ऊपर तैरने लगता है और एक मोटी परत का निर्माण कर आग औए ऑक्सीजन को अलग कर देता है, जिससे आग आसानी से बुझ जाती है। इस मेथड को स्मूदरिंग कहते हैं। इसकी धार 1 से 1.5 मिनट तक तथा 6-8 मीटर तक काम कर सकती है।इस यंत्र का प्रयोग क्लास B के आग के लिए काफी उपयोगी साबित होता है।

AFF एक्सटिंगयुसर:

फ़िल्म फार्मिंग फोम से भरा यह अग्निशमन यंत्र फोम टाइप के अंतर्गत ही आता है। अमेरिका में इसे लाइट वाटर के नाम से भी जाना जाता है। इसमे aff को पानी के साथ घोल कर सिलेंडर में रखा जाता है। इस के अंदर भी वाटर टाइप यंत्र के जैसे ही घोल को बाहर फेकने के लिए कार्टिलेज लगा होता है और इसके लिए एक विशेष नोज़ल की आवश्यकता होती है जिए " फोम मेकिंग नोज़ल " लगाया जाता है। कार्टिलेज पंक्चर करने पर इसमे से झाग निकलने लगता है जो आग की सतह या किसी भी प्रकार की तरल पदार्थ के ऊपर तैरने लगता है और ऑक्सीजन का संपर्क खत्म कर देता है और आग बुझ जाती है। यह मेथड भी स्मूदरिंग ही कहलाता है।

Answered by anushka16mayverma
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Explanation:

  • sodium bicarbonate (NaHCo3)
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