Hindi, asked by anshudeeksha55, 8 months ago

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आज उपभोक्ता संस्कृति हमार
रीति-रिवाज और
प्रकार प्रकास अग्राहित कर रही और
अपने
अनुभव के आधार पर एक
अनुरोध
लिखिए​

Answers

Answered by sumanpreetzrot93503
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Answer:

आज उपभोक्ता संस्कृतिहमारे रीति रिवाज और त्योहार बहुत हद तक अग्राहित कर रही है ।आज त्योहार और रीति रिवाज का दायरा सीमित होता जा रहा है । त्योहारों के नाम पर नए-नए विज्ञापन भी बनाए जा रहे थे जैसे: त्योहारों के लिए खास घड़ी का विज्ञापन दिखाया जा रहा है , मिठाई की जगह चॉकलेट ने ले ली है ।आज रीति रिवाज का मतलब एक दूसरे से अच्छा लगना हो गया है ।इस प्रतिस्पर्धा में रीति रिवाज का सही अर्थ कही लुप्त हो गया है ।

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