02."ऑनलाइन कक्षा के फायदे एंव नुकसान बताते हुए कोविड 19 के दौरान आपकी दिनचर्या में आये पाल परिवर्तनों की सूची बनाइये।"
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कोविड -19 के दौरान अपनी ज़िन्दगी के बारे में बच्चों की वीडियो डायरी
हर बच्चा अपने आप में अलग है | भारत में जिस तरह वे कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं, वह कुछ अलग नहीं है |
पूरे भारत के बच्चों द्वारा
असम की इशिका के लिए ऑनलाइन स्कूल नया अनुभव है।
UNICEF/UNI355820/Panjwani
में उपलब्ध:
English
हिंदी
10 अगस्त 2020
कोविड – 19 ने हमारी ज़िन्दगी में उथल-पुथल मचा दी है | लॉकडाउन, स्कूलों का बंद होना और भौतिक दूरी, इन सबका बच्चों पर गहरा असर पड़ रहा है |
यूनिसेफ ने पूरे देश के बच्चों से इस दौरान घर पर की अपनी दिनचर्या का दस्तावेज़ बनाने को कहा |
स्टे होम डायरी बच्चों के ब्लॉग की एक श्रृंखला है जिसमें उनके द्वारा इस दौरान की परिस्थितियों का किस प्रकार सामना किया जा रहा है और उनकी प्रतिदिन की मनोरंजक गतिविधियों का वर्णन होता है जिससे और बच्चों को भी प्रेरणा मिले |
असम के चाय बागानों से लेकर चेन्नई की झुग्गियों तक, इन वीडियो डायरी में बच्चों द्वारा कोविड – 19 अपने तरीके से सामना किये जाने को दिखाया गया है |
असम
UNICEF India
जब लॉकडाउन शुरू हुआ, असम के चाय बागान की 15 – वर्षीय रिमिका कोरोना वायरस को लेकर चिंतित थी | लेकिन जल्दी ही उसने अपने दिन को कुछ मनोरंजक गतिविधियों से भर दिया |
चेन्नई
UNICEF India
17 वर्षीय अल्ताफ फिल्म निर्माता बनना चाहता है | चेन्नई की जिस झुग्गी बस्ती में रहता था उसके कन्टेनमेंट जोन घोषित कर दिए जाने के कारण वह घर की चारदीवारी में सिमट कर रह गया | उसने बताया कि लॉकडाउन के दिनों में भी उसने कहानियाँ सुनाना जारी रखा |
मुंबई
UNICEF India
मुंबई के चार साल के अहान ने लॉकडाउन के दौरान घर पर रहते हुए नाच कर, बेकिंग कर के और पियानो बजा कर अपने दिन बिताये |
Answer:
फायदे :
- लॉकडाउन के दौरान पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जरिया बनीं|
- स्कूलों ने दावा किया कि ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से बच्चों में पढ़ाई करने की आदत नहीं छूटी|
- ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों ने तकनीक के इस्तेमाल का नया तरीका सीखा|
- भविष्य को देखते हुए वर्क फ्रॉम होम की भी बच्चों में आदत पड़ी है|
- शिक्षा प्रणाली की नई व्यवस्था पर बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए खुद को ढाल रहे हैं|
- ऑनलाइन कक्षाओं से शिक्षकों ने भी पढ़ाई कराने का नया तरीका सीखा|
- भविष्य में ऑनलाइन पढ़ाई से संबंधित कई और प्रयोग करने की तैयारी|
- अभिभावकों के सामने ही चल रहीं कक्षाओं से वह भी बच्चों का आसानी से आकलन कर पा रहे हैं|
नुकसान:
- अभिभावकों ने ऑनलाइन कक्षाओं को स्कूल की ओर से फीस लेने का जरिया बताया|
- कक्षाओं के बीच में ही नेटवर्क संबंधी समस्याओं से बच्चों को परेशानी होती है|
- अभिभावक के बच्चे के साथ होने की अनिवार्यता से अभिभावकों का समय बर्बाद होता है|
- अभिभावकों का आरोप कि स्कूल अपनी जिम्मेदारी इन कक्षाओं के जरिए अभिभावकों पर डाल रहे हैं|
- ऑनलाइन कक्षाओं में स्कूल का माहौल न होने से बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लग पाता है|
- अभिभावकों को चिंता कि ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों की आंखों एवं स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा|
- अचानक शुरू हुई ऑनलाइन कक्षाओं से अभिभावक नहीं जुटा पाए संसाधन|
- प्रयोगात्मक पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कक्षाएं सफल साबित नहीं हो रही हैं|
पांच समस्या:
- ऑनलाइन कक्षा में प्रैक्टिकल नहीं करा सकते। खासकर साइंस और सोशल साइंस के|
- शिक्षकों व छात्रों के बीच समन्वय की कमी|
- विभिन्न एप पर एक निर्धारित संख्या से ज्यादा छात्र-छात्राएं नहीं जुड़ सकते|
- ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के पास यह सुविधा नहीं है।
- ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के पास यह सुविधा नहीं है।- 40 मिनट की क्लास में शिक्षक अध्याय को संक्षेप में बता देते हैं।
- ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के पास यह सुविधा नहीं है।- 40 मिनट की क्लास में शिक्षक अध्याय को संक्षेप में बता देते हैं।पांच समाधान:
- शिक्षकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग की जरूरत|
- पढ़ाने और पढ़ने से पहले शिक्षक व छात्र दोनों तैयार होकर ऑनलाइन हों|
- जिन छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ने के साधन नहीं हैं, उन्हें सुविधा दी जाए।
- जिन छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ने के साधन नहीं हैं, उन्हें सुविधा दी जाए।- ऑनलाइन क्लास को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एक सिस्टम बनाकर अनिवार्य किया जाए|
- ऑनलाइन कक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएं|
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