03.
कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है?
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कवयित्री का घर जाने की चाह से तात्पर्य है प्रभु से मिलना। कवयित्री इस भवसागर को पार करके अपने परमात्मा की शरण में जाना चाहती है क्योंकि जहाँ प्रभु हैं वहीं उसका वास्तविक घर है।
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Answer:
पर कवयित्री का ‘घर जाने की चाह’ से तात्पर्य है मात्मा से मिलना।वे इस लौकिक संसार से
मोक्षा पाकर भगवान के दरबार में पहुँचना चाहती है ।
Explanation:SMALL AND SMART
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