03. निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ और प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए-
कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय ।
वा खाए बारात है, या पाए बौराय ।।
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उपरोक्त पंक्तियाँ " कनक कनक ते सौ गुणी,मादकता अघिकाय ; एक खाए बौराय,एक पाए बौराय!" इसमें एक ही शब्द का प्रयोग दो बार किया गया है। लेकिन उन दोनों शब्दों के अर्थ अलग- अलग हैं।
ऐसे शब्द विन्यास यमक अलंकार कहलाते हैं।
कनक : सोना
कनक : धतूरा या भांग
अब इस पूरे वाक्य का यह अर्थ है, कि कनक (अर्थात सोना या धन-संपत्ति) में, कनक, अर्थात धतूरा से कहीं ज्यादा उन्माद होता है। धतूरा या भांग को खाने से जो मादकता या उन्माद होता है, उसे कहीं ज्यादा घमण्ड या उन्माद सोने को सिर्फ पाने मात्र से उत्पन्न हो जाता है।
एक ही शब्द के दो अलग- अलग अर्थ होना ही इस पूरे वाक्य की सुंदरता में चार चाँद लगा देता है।
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