Hindi, asked by vickybelasharma80440, 2 months ago

05
2.
चेहरे पर मुस्काने चिपका
मन ही मन रोता है।
परिवेश से पृथक
जिससे मनुष्य
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
सच्चाई यह है कि
केवल ऊँचाई ही काफी नहीं होती
सबसे अलग-थलग
जरूरी यह है कि
ऊँचाई के साथ विस्तार भी हो
अपनो से कटा बँटा
शून्य में अकेला खड़ा होना
ढूँठ सा खड़ा न रहे
पहाड़ की महानता नहीं
औरो से धुले मिले
मजबूरी है।
किसी को साथ ले
ऊँचाई और गहराई में
किसी के संग चले।
आकाश-पाताल की दूरी है।
भीड में खो जाना
जो जितना ऊँचा
यादों में डूब जाना
उतना ही एकाकी होता है,
अस्तित्व को अर्थ
हर भार क स्वयं ही ढोता है।
जीवन को सुगंध देता है
(क) पहाड़ की मजबूरी क्या है ?
(ख) जरूरी क्या है ?​

Answers

Answered by wk253642
1

sorry bro sorry jggghiijbbv

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