1 13 निम्नलिखित शब्दों का उपयोग करते हुए एक कहानी लिखिए।
काकी, हलवा, व्यंजन, बूढी, कचौरी, मेहमान, गाँव, शादी।
Answers
Explanation:
बनारस को जो भी कह लें, मगर यहां का लजीज व्यंजन खर कचौड़ी और तर जलेबी का रस इतना रसीला है कि जो भी इसमें डूबता है, स्वाद में खुद को तरबतर पाता है। इसके साथ ही वह बनारस का गुणगान करने लगता है। काशी की पुरानी गलियों में देर रात से ही इनकी तैयारियों की खटर-पटर शुरू हो जाती है। फास्ट फूड के दौर में भी यह व्यंजन मजबूती से अपनी पकड़ बनाए हुए है।
बनारस में कचौड़ियों की एक से बढ़कर एक दुकानें हैं। सुबह से ही इन दुकानों पर कचौड़ी और सब्जी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। सुबह उठने के साथ ही इसकी सुगंध लोगों को अपनी ओर खींचने लगती है।
ठठेरी बाजार में राज बंधु विश्वेश्वरगंज में विश्वनाथ साव और लंका वाली मरहूम चाची(चचिया) के साथ-साथ राम भंडार परिवार के ही सदस्यों की नदेसर और महमूरगंज के सोनू की दुकान की खर कचौड़ी और तर जलेबी प्रसिद्ध है। मौका मिले तो इनमें से किसी भी दुकान पर जाइए। स्वाद पूरा मिलेगा।
ये कचौड़ी और जलेबी का कॉम्बिनेशन ठीक वैसा ही है जैसे कोक और चिप्स का। वैसे अब जलेबी तो प्रदेश के हर शहर में बिकती है लेकिन बनारस की जलेबी भी थोड़ी ख़ास है। महमूरगंज के एक हलवाई ने बताया था कि बनारसी हलवाई जलेबी बनाने वाले मैदे पर बेसन का हल्का-सा फेंट मारते हैं। जलेबियां कितनी स्वादिष्ट बनेंगी, यह फेंटा मारने की समझदारी पर निर्भर करता है। यह कितनी देर तक और कैसे फेंटा मारना है यह कला सिर्फ बनारसी हलवाई ही अच्छी तरह जानते हैं।
इस तरह से होता है तैयार
आटे की लोई में पीसी हुई उड़द की दाल की थोड़ी मसालेदार पीठी भरकर, उसे बेलकर देसी घी की कढ़ाई में तैराना और फिर गरमागरम सब्जी के साथ परोसा जाता है। इस शानदार कचौड़ी के साथ केसरिया जलेबी। ये बनारस का राजसी नाश्ता है।
आइए जानते है इनका इतिहास-
इनके इतिहास पर थोड़ा गौर करें तो कचौड़ी शब्द मूल संस्कृत शब्द कच और पूरिका से है, जो कि कचपूरिका घिसते-घिसते कचउरिया हो गया। संस्कृत में कच का मतलब होता है बाँधना या बंधन। असल में पहले कचौड़ी पूरी के आकार की न होकर मोदक के आकर की होती थी, जिसमें आटे या मैदे की लोई में ख़ूब सारा मसाला भर कर बांध दिया जाता था, इसलिए उसे कचपूरिका कहा जाता था। वहीं दूसरी ओर यह जानकर आश्चर्य होगा कि जलेबी मूल रूप से अरबी भाषा का एक शब्द है और अरब से आयी इस मिठाई को जलाबिया कहा जाता है। जिससे शब्द जलेबी मिला।