History, asked by alamelunataraj428, 11 months ago

1. 1892 के भारत परिषद् अधिनियम का सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान………… शुरुआत करनी थी।(चुनाव पद्धति द्वैध शासन)
2. 1999 के भारत परिषद् अधिनियम के जन्मदाता भारत सचिव मार्ने तथा गवर्नर जनरल………….. थे। (कैनिंग/लाई मिन्टो)
3. 1919 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा प्रान्तों में लागू की गई शासन व्यवस्था को…………कहते हैं। (इकहराद्वैध)
4. ………… के भारत शासन अधिनियम के द्वारा एक संघीय न्यायालय की स्थापना की गई। (1919/1935)

Answers

Answered by GauravSaxena01
0

Answer:

1892 के अधिनियम की विशेषताएं:-

1. इसके माध्यम से केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों में अतिरिक्त (गैर-सरकारी) सदस्यों की संख्या बढ़ाई गई, हालांकि बहुमत सरकारी सदस्यों का ही रहता था।

2. इसने विधान परिषदों के कार्यों में वृद्धि कर उन्हें

बजट पर बहस करने और कार्यपालिका के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए अधिकृत किया

3. इसमें केंद्रीय विधान परिषद और बंगाल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स में गैर-सरकारी सदस्यों के नामांकन के लिए वायसराय की शक्तियों का प्रावधान था। इसके अलावा प्रांतीय विधान परिषदों में गवर्नर को जिला परिषद, नगरपालिका, विश्वविद्यालय, व्यापार संघ, जमींदारों और चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स की सिफारिशों पर गैर-सरकारी सदस्यों को नियुक्त करने की शक्ति थी।

इस अधिनियम ने केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों दोनों में गैर-सरकारी सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक सीमित और परोक्ष रूप से चुनाव का प्रावधान किया हालांकि चुनाव शब्द का अधिनियम में प्रयोग नहीं हुआ था। इसे निश्चित निकायों की सिफारिश पर की जाने वाली नामांकन की प्रक्रिया कहा गया।

Similar questions