1. A curry made from banana-plant stem and
mustard seeds.
2. A curry prepared from amaranth leaves.
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निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।जैसे- अपने आप, निजी, खुद आदि।
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।जैसे- अपने आप, निजी, खुद आदि।'आप' शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम-दोनों में होता है।
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।जैसे- अपने आप, निजी, खुद आदि।'आप' शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम-दोनों में होता है। उदाहरण-
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।जैसे- अपने आप, निजी, खुद आदि।'आप' शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम-दोनों में होता है। उदाहरण- आप कल दफ्तर नहीं गए थे। (मध्यम पुरुष- आदरसूचक)
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।जैसे- अपने आप, निजी, खुद आदि।'आप' शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम-दोनों में होता है। उदाहरण- आप कल दफ्तर नहीं गए थे। (मध्यम पुरुष- आदरसूचक)आप मेरे पिता श्री बसंत सिंह हैं। (अन्य पुरुष-आदरसूचक-परिचय देते समय)
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।जैसे- अपने आप, निजी, खुद आदि।'आप' शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम-दोनों में होता है। उदाहरण- आप कल दफ्तर नहीं गए थे। (मध्यम पुरुष- आदरसूचक)आप मेरे पिता श्री बसंत सिंह हैं। (अन्य पुरुष-आदरसूचक-परिचय देते समय)ईश्वर भी उन्हीं का साथ देता है, जो अपनी मदद आप करता है। (निजवाचक सर्वनाम)
निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।इस प्रकार,जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।जैसे- अपने आप, निजी, खुद आदि।'आप' शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम-दोनों में होता है। उदाहरण- आप कल दफ्तर नहीं गए थे। (मध्यम पुरुष- आदरसूचक)आप मेरे पिता श्री बसंत सिंह हैं। (अन्य पुरुष-आदरसूचक-परिचय देते समय)ईश्वर भी उन्हीं का साथ देता है, जो अपनी मदद आप करता है। (निजवाचक सर्वनाम)'निजवाचक सर्वनाम' का रूप 'आप' है। लेकिन पुरुषवाचक के अन्यपुरुषवाले 'आप' से इसका प्रयोग बिलकुल अलग है। यह कर्ता का बोधक है, पर स्वयं कर्ता का काम नहीं करता। पुरुषवाचक 'आप' बहुवचन में आदर के लिए प्रयुक्त होता है। जैसे- आप मेरे सिर-आखों पर है; आप क्या राय देते है ? किन्तु, निजवाचक 'आप' एक ही तरह दोनों वचनों में आता है और तीनों पुरुषों में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
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1. A curry made from banana plant stem and mustard seeds. Kadali manja rai
2. A curry prepared from amarnath leaves. Kosala
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