1) आप पहले ही भूगोल, इतिहास, नागरिकशास्त्र एवं अर्थशास्त्र का सामाजिक विज्ञान के घटक केरूप में अध्ययन कर चुके हैं। इन विषयों के समाकलन का प्रयास उनके अंतरापृष्ठ(Interface) पर प्रकाश डालते हुए कीजिए।
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Answer:
सामाजिक विज्ञान (Social science) मानव समाज का अध्ययन करने वाली शैक्षिक विधा है। प्राकृतिक विज्ञानों के अतिरिक्त अन्य विषयों का एक सामूहिक नाम है 'सामाजिक विज्ञान'। इसमें नृविज्ञान, पुरातत्व, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, विधि, भाषाविज्ञान, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और संचार आदि विषय सम्मिलित हैं। कभी-कभी मनोविज्ञान को भी इसमें शामिल कर लिया जाता है।
उत्तर:
ऐतिहासिक आर्थिक भूगोल स्थानिक आर्थिक संरचना के इतिहास और विकास की जांच करता है। ऐतिहासिक डेटा का उपयोग करते हुए, यह जांच करता है कि जनसंख्या और आर्थिक गतिविधि के केंद्र कैसे बदलते हैं, समय के साथ क्षेत्रीय विशेषज्ञता और स्थानीयकरण के कौन से पैटर्न विकसित होते हैं और कौन से कारक इन परिवर्तनों की व्याख्या करते हैं।
व्याख्या:
भूगोल और इतिहास: भौगोलिक कारकों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इतिहास के पाठ्यक्रम को बदल दिया है। प्रत्येक भौगोलिक घटना समय के साथ बदलती रहती है और इसे अस्थायी रूप से समझाया जा सकता है। भू-आकृतियों, जलवायु, वनस्पति, आर्थिक गतिविधियों, व्यवसायों और सांस्कृतिक विकास में परिवर्तन ने एक निश्चित ऐतिहासिक पाठ्यक्रम का अनुसरण किया है।
भूगोल और नागरिक शास्त्र: राजनीति विज्ञान का मुख्य सरोकार क्षेत्र, लोग और संप्रभुता है जबकि राजनीतिक भूगोल भी राज्य के अध्ययन में एक स्थानिक इकाई के साथ-साथ लोगों और उनके राजनीतिक व्यवहार में रुचि रखता है।
भूगोल और अर्थशास्त्र: अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था की बुनियादी विशेषताओं जैसे उत्पादन, वितरण, विनिमय और खपत से संबंधित है। इनमें से प्रत्येक विशेषता के स्थानिक पहलू भी हैं और यहाँ उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग के स्थानिक पहलुओं का अध्ययन करने के लिए आर्थिक भूगोल की भूमिका आती है।
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