1. अधोलिखित गद्यींश को पढकर सभ प्रश्नों कय उत्तर दीजिए । 1X5=5
सींसयर में शयींतत, व्यवस्थय और सद्भयवनय के प्रसयर के लिए बुद्ध, ईसय मस ि, मुिम्मद
चैतन्य, नयनक आहद मियपुरुषों ने धमम के मयध्यम से मनुष्य को परम कल्ययण के पथ कय
तनदेश ककयय, ककींतुबयद में यिी धमम मनुष्य के ियथ में एक अस्र बन गयय। धमम के नयम पर
पथ्ृव पर जितनय रक्तपयत िुआ उतनय और ककस कयरण से निीीं। पर ध रे-ध रे मनुष्य अपन
शुभ बुधध से धमम के कयरण िोने वयिे अनथम को समझने िग गयय िै। भौगोलिक स मय और
धयलममक ववश्वयसितनत भेदभयव अब धरत से लमटते िय रिे िैं। ववज्ञयन की प्रगतत तथय सींचयर
के सयधनों में वद्ृधध के कयरण देशों की दरूरययाँकम िो गई िैं। इसके कयरण मयनव-मयनव में
घणृ य, ईष्र्यय वैमनस्य कटुतय में कम निीीं आई। मयनव य मूल्यों के मित्त्व के प्रतत ियगरूकतय
उत्पन्न करने कय एकमयर सयधन िै लशक्षय कय व्ययपक प्रसयर।
प्रश्न
(क) मनुष्य अधमश के कारर् होने िाले अनर्श को कैसे समझने लगा है
(i) सींतों के अनुभव से
(ii) वणम भेद से
(iii) घणृ य, ईष्ययम, वैमनस्य, कटुतय से
(iv) अपन शुभ बुधध से
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yes sahi hai bikul okkkkkkkkk
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