Hindi, asked by anjali4567, 9 months ago

1. चारों वरनो में ब्राह्मण को समाज रूपी शरीर का मुख क्यों बताया
गया है?​

Answers

Answered by Anonymous
6

Explanation:

eeshvar ne sbyam char barmi ki utpatti ki jisme brahman ka janam unke mukh se hua

Answered by Priatouri
2

ब्राह्मण की उत्त्पति समाज रूपी शरीर से हुई है

Explanation:

  • ऋग्वेदिक काल में वर्णों का एक साफ़ ढांचा दिखाई देता है जिसके अनुसार समाज चार वर्णों में विभाजित था: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र  ।
  • ऐसा माना जाता है कि इन वर्णों कि उत्त्पति ब्रह्म रूपी शरीर के अंगो से हुई है जैसे ब्राह्मण की उत्त्पति उसके मुख, क्षत्रिय की बॉँहे वैश्य की जंघाय तथा शूद्र की पैरों से हुई है ।
  • प्राचीनकाल में ऐसा माना जाता था कि भारतीय समाज में सभी लोगों के वर्ण का निर्धारण उनके समाज के आधार पर होता था ।
  • हांलाकि रिग वैदिक काल में ये प्रथा बहुत कठोर नहीं थी लेकिन उत्तर वैदिक काल में इस प्रथा को बहुत कठोरता से लागू किया गया था ।

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भारतीय वर्ण व्यवस्था में वर्णित चार वर्षों के नाम लिखिए

https://brainly.in/question/11545014

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