1. एक सरल लोलक जिसकी प्रभावकारी लम्बाई 1 मीटर तथा
जिसके लोलक का द्रव्यमान 0.1 किग्रा है। लोलक की माध्य
स्थिति (वह स्थिति जिसमें रस्सी ऊर्ध्वाधर है) को एक ओर इस
प्रकार विस्थापित किया जाता है कि लोलक का धागा क्षैतिज हो
जाये (इस स्थिति तथा माध्य स्थिति के बीच कोण 90° होगा)। इस
स्थिंति से लोलक को मुक्त कर दिया जाता है, तो गणना कीजिए
कि लोलक की गतिज ऊर्जा कितनी होगी जब धागा ऊर्ध्वाधर से
(i) 0° का कोण बनाये, (ii) 30° का कोण बनाये?
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