1. फ्रांस के प्रारंभिक सामंती समाज के दो लक्षणों का वर्णन कीजिए।
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➲ फ्रांस के प्रारंभिक सामंती समाज के दो लक्षण इस प्रकार हैं...
- फ्रांस का तत्कालीन सामान सामंती समाज तीन वर्गों में बटा हुआ था, यह तीनों वर्ग थे, पादरी वर्ग, अभिजात्य वर्ग और कृषक वर्ग। पादरी वर्ग में चर्च के पोप आदि होते थे। यह पोप कैथोलिक चर्च से संबंधित करते थे। पादरी वर्ग में चर्च से संबंधित लोग जिनमें पोप तथा अन्य पादरी आदि आते थे। इन चर्चों पर तथा पादरियों पर शासक का नियंत्रण नहीं होता था। अभिजात वर्ग शासन से संबंधित वर्ग होता था तथा समाज के धनाढ्य वर्ग के लोग अभिजात वर्ग में आते थे। यह वर्ग मुख्यता शासक यानी राजा पर निर्भर रहता था। अभिजात वर्ग को पादरी वर्ग के समान ही अधिकार प्राप्त थे। किसान वर्ग सबसे निचले स्तर का वर्ग था, इसमें आम जनता आती थी। इस वर्ग की स्थिति दयनीय रहती थी। पहले के दों वर्गों पादरी और अभिजात वर्ग द्वारा इस वर्ग का निरंतर शोषण किया जाता था। सबसे अधिक सरकारी कर भी इस वर्ग को ही देना पड़ता था।
- सामंतवाद की परंपरा का सबसे पहले आरंभ फ्रांस में ही हुआ था। इस परंपरा में किसान अपने खेतों पर काम करने के एवज में सामंतों को सेवा प्रदान करते थे और सामंत लोगों को सैनिक सुरक्षा प्रदान करते थे।
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