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गुप्तवंश के इतिहास के मुख्य स्रोतों का वर्णन कीजिए
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Answer:
साहित्यिक स्रोत –
नाटक –
विशाखदत्त कृत देवीचन्द्रगुप्तम् तथा मुद्राराक्षस,
शूद्रक का मृच्छकटिकम्,
कालिदास रचित मालविकाग्निमित्रम्, कुमारसम्भवम्, रघुवंशम् अभिज्ञान-शाकुन्तलम् आदि।
स्मृतियां –
बृहस्पति, नारद आदि
पुराण –
वायु पुराण, मत्स्य पुराण, विष्णु पुराण, ब्रह्म पुराण।
बौद्ध साहित्य –
मंजुश्रीमूलकल्प, वसुबंधु चरित।
जैन साहित्य –
जिनसेन रचित हरिवंश पुराण।
विदेशी साहित्य –
फाह्यान का फो-क्यो-की तथा युवान च्वांग (ह्वेनसांग) का सि-यू-की आदि ग्रंथ।
पुरातात्विक स्रोत –
प्रशस्तियां एवं अभिलेख –
समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति एवं एरण अभिलेख,
चन्द्रगुप्त द्वितीय का महरौली स्तम्भ-लेख तथा उदयगिरी गुहा अभिलेख,
कुमारगुप्त प्रथम का मंदसौर लेख, गढ़वा शिलालेख, बिलसढ़ स्तम्भ लेख, स्कन्दगुप्त का जूनागढ़ प्रशस्ति, भितरी स्तम्भ लेख।
मुद्रायें –
गुप्त युग से भारतीय मुद्रा के इतिहास में नवीन युग की शुरुआत। गुप्त शासकों की स्वर्ण एवं रजत मुद्राएं
मन्दिर एवं मूर्तियां –
उदयगिरि, भूमरा नचना कुठार, देवगढ़ एवं तिगवा के मंदिर, सारनाथ बुद्ध मूर्ति, मथुरा की जैन मूर्तियां
चित्र – अजन्ता व बाघ के चित्र
ताम्रपत्र – भूमि अनुदान सम्बन्धी।