1. गौरव लि. और सौरभ लि.दोनों एक ही तरह के व्यवसाय में संलग्न थी, एकीकरण करने का निश्चय किया और एक नई
गौरव-सौरभ लि. का निमाण किया। नई कम्पनी द्वारा दोनों कम्पनियों की सभी सम्पत्तियों एवं दायित्वों को उनके विद्यमान :
form a new company called as Gaurav-Saurabh Ltd. The new company takes over all the assets and
The Gauray Lid and the Saurabh Ltd. engaged in the similar nature of business, decided to amalgam
of both the companies at their existing value, following are the Balance Sheets of Gaurav Ltd. and Saur
लिया जाता है। 31 मार्च, 2014 को गौरव लि. और सौरभ लि. का स्थिति-विवरण निम्न प्रकार है :
-y
as at 31st March, 2014:
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भारत में अपनी कंपनी का पंजीकरण कराना भारतीय एवं विदेशी उद्यमियों के लिए हमेशा से ही एक बहुत बड़ी परेशानी का कारण रहा है | यही कारण है कि भारत विश्व बैंक की व्यापार सूचकांक में आसानी (Ease of Doing Business) रैंकिंग में 189 देशों में 142 वें स्थान पर खड़ा है; यही नही व्यवसाय शुरू करने में आसानी (Ease of Starting a Business) की रैंकिंग में भारत 158 वें स्थान पर है | इन रैंकों से पता चलता है कि भारत में व्यवसाय शुरू करना या व्यवसाय चलाना कितना कठिन है | भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों रैंकों को 50वें स्थान के भीतर लाना चाहते हैं | यही कारण है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जुलाई से सितंबर 2015 के बीच नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में जबरदस्त उछाल आया है। सितंबर, 2015 में जहां 6,864 कंपनियां रजिस्टर्ड हुईं। वहीं, जुलाई से सितंबर के बीच 3 महीनों में 20 हजार से ज्यादा नई कंपनियों का रजिस्ट्रेरशन हुआ।