India Languages, asked by aliya5711, 10 months ago

1. गायत्री मन्त्र लिखिए।
2. गायत्री मन्त्र का अर्थ लिखिए।
3. गायत्री की महिमा का वर्णन कीजिए।
4. सविता शक्ति द्वारा मानवी पुरुषार्थ के बार म
5. गायत्री मन्त्र के जप की विधि, समय तथा जप के स्थान का बताए।
6. महात्मा गाँधी के गायत्री के विषय में विचार लिखिए।
7. स्वामी विरजानन्द को और महात्मा आनन्द स्वामी को प्राप्त हुए
गायत्री जाप के फल का उल्लेख कीजिए।
18/ नैतिक शिक्षा (कक्षा-8)



hey please answer

yaa I know its boring

but please its urgent

Mr syed ( sid ) answer my question


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Answers

Answered by binoykuriankulakkatt
1

Answer:

CORRECT Answer 4

Explanation:

BECAUSE

Answered by Tarun968692
27

*1st=ओम भूर भुव:स्वाह:तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् ।

*2nd=ओम यह परमेश्वर का निज नाम है जो प्राण का भी प्राण सब दुखों को छुड़ाने वाला स्वयं सुख स्वरूप और अपने उपास को को सब सुखों की प्राप्ति कराने वाला है उस सब जगत की उत्पत्ति करने वाले सूर्य देव प्रकाश को के भी प्रकाशक समग्र ऐश्वर्य के दाता कामना करने योग्य सब पैसों के भाषण करने वाले पवित्र शुद्ध स्वरूप उसको हम लोग धारण करें जो हमारी बुद्धि को कर्म को अपनी ओर ले जाये।

*4th= जिस प्रकार परमात्मा अपनी सविता शक्ति द्वारा सुप्त प्रकृति को रच देता है ठीक इसी प्रकार परमात्मा को सविता नाम से पुकारने वाले साधक का भी कर्तव्य हो जाता है कि वह भी अपने आप को अज्ञान की निद्रा से दूर करें और सब मनुष्य को ईश्वर भक्त वेद भक्त था जनता जनार्दन बनाने का यत्न करें।

*5th= गायत्री का जप प्रातः स्नान करने के बाद तथा रात्रि में सोने से पूर्व करना चाहिए जब का स्थान पवित्र एवं शांत होना चाहिए।

*6th= महात्मा गांधी ने एक लेख में लिखा है कि गायत्री मंत्र का स्थिर चित्त और शांत हृदय से किया गया जाप आपत्ति काल के संकटों को दूर करने का सामर्थ्य रखता है और आत्मा उन्नति के लिए उपयोगी है।

Hope it will help u.

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