1. गद्धांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
संसार में शांति, व्यवस्था और सद्भावना के प्रसार के लिए गौतम बुद्ध, ईसा मसीह, मोहम्मद साहब चैतन्य महाप्रभु,
नानक जी आदि महापुरुषों ने धर्म के माध्यम से मनुष्य को परम कल्याण के पथ का निर्देश किया, किंतु बाद में यही
धर्म मनुष्य के हाथ में एक अस्त्र बन गया। धर्म के नाम पर पृथ्वी पर जितना रक्तपात हुआ उतना और किसी कारण
से नहीं। पर धीरे-धीरे मनुष्य अपनी बुद्धि से धर्म के कारण होने वाले अनर्थ को समझने लग गया है। भौगोलिक
सीमा और धार्मिक विश्वासजनित भेदभाव अब धरती से मिटते जा रहे हैं। विज्ञान की प्रगति तथा संचार के साधनों
में वृद्धि के कारण देशों की दूरियाँ कम हो गई हैं। इसके कारण मानव में घृणा, ईष्या वैमनस्य कटुता में कमी आई।
मानवीय मूल्यों के महत्त्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने का एकमात्र साधन है शिक्षा का व्यापक प्रसारा
(क) मनुष्य अधर्म के कारण होने वाले अनर्थ को कैसे समझने लगा है?
(ख) विज्ञान की प्रगति और संचार के साधनों की वृद्धि का परिणाम क्या हुआ है?
(ग) देश में आज भी कौन-सी समस्या है?
(घ) किस कारण से देश में मानव के बीच, घृणा, ईष्या, वैमनस्यता एवं कटुता में कमी नहीं आई है?
Answers
दिये गये गद्यांश के अनुसार सारे प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार होंगे...
(क) मनुष्य अधर्म के कारण होने वाले अनर्थ को कैसे समझने लगा है?
► मनुष्य अपनी बुद्धि के विकास के कारण अधर्म के कारण होने वाले अनर्थ को समझने लगा है।
(ख) विज्ञान की प्रगति और संचार के साधनों की वृद्धि का परिणाम क्या हुआ है?
► विज्ञान की प्रगति और संचार के साधनों की वृद्धि के कारण मनुष्य में घृणा, ईर्ष्या, वैमनस्य, कटुता आदि जैसे दुर्गुणों में कमी आई है।
(ग) देश में आज भी कौन-सी समस्या है?
► देश में सबसे बड़ी समस्या धार्मिक विश्वास जनित भेदभाव, घृणा, ईर्ष्या, वैमनस्य, कटुता और धार्मिक कट्टरवाद आदि हैं।
(घ) किस कारण से देश में मानव के बीच, घृणा, ईष्या, वैमनस्यता एवं कटुता में कमी नहीं आई है?
►अशिक्षा और धार्मिक कट्टरवाद के कारण मानव के बीच घृणा, ईष्या, वैमनस्यता एवं कटुता में कमी नहीं आई है?
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